बंद रहे निजी क्लिनिक, झेलनी पड़ी परेशानी

सुपौल : जिले में डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर ओपीडी सेवा सोमवार को पूरी तरह ठप रही. जिसे लेकर सदर अस्पताल परिसर में आईएमए, आईडीए एवं भासा सुपौल के सदस्यों द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. वहीं पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर बर्बरतापूर्वक दुर्घटना को लेकर आक्रोश पूर्वक डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा सहित निजी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 18, 2019 7:05 AM

सुपौल : जिले में डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर ओपीडी सेवा सोमवार को पूरी तरह ठप रही. जिसे लेकर सदर अस्पताल परिसर में आईएमए, आईडीए एवं भासा सुपौल के सदस्यों द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया. वहीं पश्चिम बंगाल में चिकित्सकों पर बर्बरतापूर्वक दुर्घटना को लेकर आक्रोश पूर्वक डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा सहित निजी क्लिनिक भी ठप रखा गया.

वहीं इमरजेंसी सेवा जारी रखी गयी. डॉक्टरों ने घटना की तीव्र भर्त्सना करते हुए दोषी व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने आईएमए के निर्देशानुसार राष्ट्रीय स्तर पर आए दिन चिकित्सकों पर आक्रमण रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सख्त कानून लाने की भी मांग की.
हड़ताल के दौरान मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सदर अस्पताल में पहुंची महिला मरीज सुंदरपुर वार्ड नंबर 05 निवासी कंचन देवी, कटैया वार्ड नंबर 12 निवासी जगन्नाथ यादव, पथरा वार्ड नंबर 04 निवासी नीलम देवी ने बताया कि संबंधित रोग के मुताबिक डॉक्टर के नहीं रहने से इस तपिश भरी गर्मी में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
वहीं सदर प्रखंड के रामदतपट्टी वार्ड नंबर 08 गांव निवासी कंचन देवी ने बताया कि वे अपने बच्चों कुमकुम कुमारी, यश कुमार को दिखाने कई घंटों से अस्पताल में चर्म रोग विशेषज्ञ के इंतजार में बैठी रही. कहा कि सदर अस्पताल के अलावा निजी क्लिनिक भी बंद रहने के कारण और भी परेशानी हुई.
डॉक्टर जितेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि डॉक्टर अब भयमुक्त वातारण में रोगी को नहीं देख पाते हैं. जिसके कारण काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि आए दिन विभिन्न तरह की घटनाओं के विरोध में डॉक्टरों ने ओपीडी एवं निजी क्लिनिक सेवा बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं दूसरी ओर आपातकालीन सेवा में ड‍्यूटी पर तैनात डॉक्टर मनोज कुमार ने बताया कि हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा एवं निजी क्लिनिक बंद रहने के कारण इमरजेंसी सेवा में रोगी का तांता लग गया है.
जहां विभिन्न तरह के रोगियों के परिजनों का सामना करना पड़ता है. इस मौके पर डॉ सीके प्रसाद, डीएस डॉ अरूण कुमार वर्मा, डॉ मिहिर कुमार वर्मा, डॉ अजय कुमार भारती, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ संजय मिश्र, डॉ अभिषेक कुमार, डॉ संतोष झा, डॉ नूतन वर्मा, डॉ एएसपी सिन्हा, डॉ विनय कुमार, डॉ मनोज कुमार आदि कई चिकित्सक मौजूद थे.

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