उमस भरी गर्मी से लोग परेशान, पारा 42 डिग्री पहुंचा

चिलचिलाती धूप व उमस के चलते लोग गर्मी से झुलस रहे हैं. लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. एक सप्ताह से पारा 39 से 42 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना हुआ है

By Prabhat Khabar Print | May 26, 2024 9:57 PM

सीवान. चिलचिलाती धूप व उमस के चलते लोग गर्मी से झुलस रहे हैं. लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं. एक सप्ताह से पारा 39 से 42 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना हुआ है. वही आर्द्रता के चलते लोगों को 48 डिग्री सेल्सियस की गर्मी सता रही है. आग उगलती सूरज किरणें व तन झुलसा देने वाली धूप से लोग बिलबिला रहे है. धूप व तपिश का आलम यह है कि दोपहर बाद सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसर जा रहा है. जरूरी काम से निकले दोपहिया वाहनों पर सवार लोग सिर से पांव तक पूरी तरह अपने आपको ढंके नजर आ रहे है. तन झुलसाती धूप व तपिश से चढ़े पारे के चलते लोग बेहाल है. बाजार खाली पड़े है. लू के थपेड़ों की वजह से लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं और आने वाले दिनों में गर्मी की भयावहता सोच कर कांप रहे है. भीषण गर्मी से पूरे दिन जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दोपहर के समय बाजार और सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है. लगन के सीजन में दुकानदार खाली बैठे ग्राहकों का इंतजार कर रहे है.वही गर्मी के साथ ही बिजली की कटौती लोगों पर दोहरी मार कर रही है. लोगों का कहना है कि गर्मी के सीजन में बिजली के अघोषित कटौती जख्म पर नमक का काम कर रहे है. गर्मी ने लोगों को पूरी तरह से बेदम कर दिया है. ऐसे में शीतल पेय पदार्थों, जूस की दुकानों पर लोगों की भीड़ भी बढ़ गई है. मौसम विशेषज्ञों ने तापमान में और वृद्धि होने का अंदेशा व्यक्त किया है. भीषण गर्मी से जन जीवन प्रभावित गर्मी के तल्ख तेवर ने जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर डाला है. लोगों की दिनचर्या बदल चुकी है. सुबह या फिर शाम में ही लोग जरूरत का सामान खरीदने के लिए बाजारों का रूख कर रहे है.दिनभर तो जैसे सडक़ों पर अघोषित कफ्र्यू सा नजारा है. गर्मी पूरे शबाब पर है. नतीजा है कि ग्रामीण अंचल में पेड़ों की छांव लोगों को अच्छे लगने लगे है. लोगों का समय भी घंटों पेड़ों के नीचे बीतने लगा है. गर्मी के मार से बीमार हो रहे लोग. आसमान में दहकते सूरज व गर्म हवा के थपेड़े ने लोगों को झुलसाकर रख दिया. बुधवार को अधिकतम तापमान 40 डिग्री दर्ज किया गया. गर्मी तेज होने के साथ ही बीमारिया भी बढ़ गई है. अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या भी 40 प्रतिशत बढ़ गई है. इनमें उल्टी-दस्त, डिहाइड्रेशन व बुखार के मरीज सर्वाधिक है. चिकित्सकों की मानें तो शरीर का तापमान बढ़ने से शरीर में पानी की कमी हो रही है. चिकित्सक डॉ. संजय गिरि ने बताया कि गर्मियों में खाना अक्सर प्रदूषित हो जाता है. इससे प्रभावित व्यक्ति उल्टी, दस्त, पेट दर्द की बीमारी का शिकार हो जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले ज्यादातर मरीज इन्हीं बीमारियों के शिकार हो रहे है. यदि तापमान में इसी तरह बढ़ोतरी होती रही तो बीमारियों के ग्राफ में और तेजी आ सकती है. तापमान के साथ गर्म हवा बढ़ायेगी परेशानी मौसम विभाग की माने तो इस बार गर्मी पिछली रिकार्ड तोड़ने वाली है. विगत साल मई के अंत में तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता था. लेकिन इस साल तापमान में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो रही है. रविवार को अधिकतम तापमान 42 व न्यूनतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम के जानकार डा. मनोज कुमार गिरी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में एक विक्षोप सक्रिय हुआ है.यदि इसका असर बिहार का पश्चिमी क्षेत्र हुआ तो गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है.आगामी दस दिन तक अधिकतम तापमान 40 से 42 और न्यूनतम तापमान 26 से 30 डिग्री सेल्सियस रहने का पूर्वानुमान है.वही प्रत्येक दिन पुरवा हवा चलेगी.जिससे उमस बढ़ेगी.

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