सीवान. दिन पर दिन बढ़ रही गर्मी के साथ ही लोग वायरल फीवर के शिकार होने लगे हैं. इसका असर सदर अस्पताल में दिखने लगा है. यहां सुबह से ही मरीजों की भीड़ उमड़ने लग रही है. अस्पताल में पर्चा बनवाने से लेकर ओपीडी में डॉक्टरों के कक्ष और जांच के लिए मरीजों की जांच घर के बाहर लंबी लाइन लग रही है. एक दिन में अस्पताल में 680 मरीजों ने पर्चा बनवाया. रात में ठंड व दिन में गर्मी अधिक होने के चलते लोग वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं. गुरुवार को सदर अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. पर्ची बनवाने के लिए सुबह ही काउंटर पर लंबी लाइन लग गयी थी. इसके बाद दोपहर तक मरीजों की लंबी कतार पर्चा बनवाने के लिए लगी रही. वहीं ओपीडी में डॉक्टरों के कमरों के सामने भी मरीजों की भीड़ थी. इस दौरान दवा लेने वाले काउंटर पर मरीजों को घंटों खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. अस्पताल में एक दिन में लगभग 680 मरीजों ने पर्चा बनवाया. इसमें अधिकतर लोग वायरल फीवर का शिकार थे. इसमें भी ज्यादा बच्चे ही शामिल थे. सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि फिलहाल मौसम बदल रहा है, जिसके चलते लोग वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस मौसम में बच्चों की देखभाल जरूरी है. बच्चों को ज्यादा ठंडे खाद्य पदार्थों से दूर रखें. ये भी ध्यान देने की जरूरत है कि बच्चे समय-समय पर पानी जरूर पीते रहें.
मौसम के कारण हो रही हैं अनेक बीमारियां, बढ़ रहे हैं मरीज
बताते चलें कि प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी के कारण अनेकों प्रकार की बीमारियों से ग्रसित लोग सदर अस्पताल में आ रहे है जिसमें मुख्य रूप से सांस में दिक्कत, डायरिया, वायरल बुखार व उल्टी आदि से ग्रसित लोग शामिल हैं. प्रतिदिन मरीजों की संख्या सदर अस्पताल में बढ़ती ही जा रही है. बताते चलें कि पहले की अपेक्षा सदर अस्पताल में मौसम के कारण 30 से 35 फीसदी मरीजों की बढ़ोतरी हुई है. बताते चलें कि गुरुवार को सदर अस्पताल के ओपीडी में 12:46 बजे तक तकरीबन 468 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया था. वहीं बीते दिनों यानी फरवरी के प्रथम सप्ताह तक 350 से 400 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन किया जाता था. अब मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि सबसे अधिक मरीज सोमवार और शनिवार को आते हैं और उस दिन मरीजों की संख्या बढ़ कर तकरीबन 650 तक पहुंच जाती है.रात में सोते समय पंखा व एसी न चलाएं
डॉ अनूप कुमार ने बताया कि एहतियात से मौसमी बीमारी से बचा जा सकता है. उन्होंने बताया कि ठंड को हल्के में ना लें, सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनें, खूब पानी पीएं, पानी साफ और हल्का गर्म हो, खांसी हो तो तीन बार गर्म पानी से गरारा करें, गले में खराश-कफ हो, दम फूले तो डॉक्टर से सलाह लें, बच्चों और बुजुर्गों का पूरा शरीर गर्म कपड़े से ढंका हो, रात में सोते समय फिलहाल पंखा-एसी न चलाएं.संक्रमण जल्द नहीं हो रहा है ठीक
डॉ सुनील कुमार ने बताया कि अस्पतालों में वायरल के साथ-साथ सर्दी-खांसी के मरीज भी आ रहे हैं. वायरल सर्दी-खांसी से पीड़ितों में छींक कम आती है. संक्रमण के साथ बुखार, गले में दर्द, टॉन्सिल, नाक बंद होने और कफ की भी समस्या रह रही है. पेट दर्द, गैस, एसिडिटी का प्रकोप बढ़ने का भी बड़ा कारण संक्रमण ही है. वहीं एलर्जिक बीमारियों में बार-बार छींक आना, नाक से पानी, नाक के आसपास खुजली की समस्या रहती है. बताया कि प्रदूषण और मौसम में हो रहे बदलाव के कारण संक्रामक बीमारियां जल्दी ठीक नहीं हो रही हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है