उदासीनता प्रशासन के निर्देश का नहीं किया जा रहा पालन, अपराध को रोकने के लिए एसपी ने लिया था सख्त निर्णय
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अब तक नहीं हुआ किरायेदारों का चरित्र सत्यापन
उदासीनता प्रशासन के निर्देश का नहीं किया जा रहा पालन, अपराध को रोकने के लिए एसपी ने लिया था सख्त निर्णय सीवान : किरायेदारों के चरित्र सत्यापन को ले जिले के पुलिस प्रशासन द्वारा उठाया गया ठोस कदम हवा-हवाई साबित हो रहा है. हो भी क्यों न अभी तक सिर्फ 100 लोगों ने ही किरायेदारों […]
सीवान : किरायेदारों के चरित्र सत्यापन को ले जिले के पुलिस प्रशासन द्वारा उठाया गया ठोस कदम हवा-हवाई साबित हो रहा है. हो भी क्यों न अभी तक सिर्फ 100 लोगों ने ही किरायेदारों का सत्यापन कराया है. गौरतलब हो कि एसपी ने शहरी क्षेत्रों में भाड़े के मकानों में रहनेवाले किरायेदारों के संबंध में मकान मालिकों को किरायेदारों का चरित्र सत्यापन थाने से कराने के बाद ही अपने घरों को किराये पर देने की बात कही थी.
लेकिन, एसपी के सख्त निर्देश के बाद न तो मकान मालिकों ने इस संबंध में कोई दिलचस्पी दिखाई और न शहरी क्षेत्र के थानों ने अपने क्षेत्र में रहनेवाले किरायेदारों की सूची बनायी. पुलिस कप्तान जब इस संबंध में सख्त हुए, तो थानेदारों ने 31 मार्च तक अपने किरायेदारों का चरित्र सत्यापन नहीं करानेवाले मकान मालिकों पर 31 मार्च के बाद कार्रवाई करने का मन बनाया.
लेकिन थानेदारों द्वारा ऐसा भी नहीं किया गया.
100 लोगों ने किरायेदारों का सत्यापन कराने के लिए निर्धारित फॉर्मेट में दी जानकारी : नगर थाने क्षेत्र में अभी तक मात्र करीब सौ लोगों ने अपने किरायेदारों का सत्यापन कराने के लिए निर्धारित फॉर्मेट में जानकारी दी है. यह संख्या काफी कम है. मुफस्सिल, मैरवा व महाराजगंज थानों में यह आंकड़ा काफी कम है. एसपी ने शीघ्र सभी किरायेदारों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया है.
अपराध को रोकने के लिए बनी थी योजना
शहरी क्षेत्र में आये दिन अापराधिक घटनाएं हो रही हैं. लेकिन, पुलिस अपराधियों को पकड़ पाने में कामयाब नहीं हो रही है. अपराध करने के बाद अपराधी शहरी क्षेत्रों में ही छिप जाते हैं. पुलिस के पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं होने के कारण वह कुछ नहीं कर पाती है. पुलिस कप्तान का मानना था कि प्राय: ऐसा देखा जाता है कि शहरी क्षेत्रों में किराये पर रहने वाले किरायेदारों का सत्यापन नहीं कराया जा रहा है.
उनके द्वारा किसी अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाने के उपरांत उनकी गिरफ्तारी में काफी कठिनाई हो रही है. इस तरह के अपराध को रोकने के लिए जिले शहरी थाना क्षेत्रों में रहनेवाले किरायेदारों के रहने से पूर्व उनका थाना स्तर से सत्यापन करा लेना आवश्यक है, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि उनका चरित्र कैसा है तथा वह अापराधिक चरित्र का व्यक्ति तो नहीं है.
मकान मालिकों को कराना था सत्यापन
शहरी क्षेत्र के मैरवा, नगर महादेवा, मुफस्सिल तथा महाराजगंज को एसपी ने किरायेदारों का सत्यापन कराने आदेश दिया गया था. एसपी ने इन थानाध्यक्षों से अपने क्षेत्र में रहने वाले किरायेदारों का सूची तैयार कर उनके पैतृक जिला से चरित्र सत्यापन कराने हेतु प्रस्ताव समर्पित करने का निर्देश दिया था.
साथ ही थानेदारों को अपने थाना क्षेत्र में पड़ने वाले सभी मकान मालिकों को यह अवगत कराना था कि वे चरित्र सत्यापन के उपरांत ही किरायेदारों को किराये पर रहने के लिए अनुमति दें. अगर उनके द्वारा बगैर चरित्र सत्यापन कराये किरायेदार को रखा जाता है और किसी भी प्रकार का अपराध किरायेदार के द्वारा किया जाता है, तो उनमें मकान मालिक की भी सहभागिता मानी जायेगी. यही नहीं, उन्हें भी सह अभियुक्त बना कर कार्रवाई की जायेगी.
जिले के सभी मकान मालिक, जिन्होंने अपने मकान में पहले किरायेदार रखा है, वे 31 मार्च के पूर्व अपने मकान का लोकेशन, मकान के कमरों की संख्या, रहनेवाले किरायेदार का नाम पता (किरायेदार सत्यापन फाॅर्म में) थाने में उपलब्ध करा दें. लेकिन मकान मालिकों ने ऐसा नहीं किया. अप्रैल तक उनके द्वारा समर्पित सत्यापन प्रतिवेदन को डाटा बेस तैयार कर ऑनलाइन किया जाना था. एसपी ने निर्देश दिया था कि 30 अप्रैल के बाद से कोई मकान मालिक असत्यापित किरायेदार नहीं रखेंगे.
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