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नगर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को शोकॉज

दो सरकारी गवाहों को ससमय कोर्ट में नहीं पेश करने पर हुई कार्रवाई सीवान : राजीव रोशन हत्याकांड के दो सरकारी गवाहों को न्यायालय में नहीं पेश करना नगर इंस्पेक्टर को महंगा पड़ गया. न्यायालय ने नगर इंस्पेक्टर पर शोकॉज करते स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. मालूम हो कि हो राजीव रौशन हत्याकांड में […]

दो सरकारी गवाहों को ससमय कोर्ट में नहीं पेश करने पर हुई कार्रवाई

सीवान : राजीव रोशन हत्याकांड के दो सरकारी गवाहों को न्यायालय में नहीं पेश करना नगर इंस्पेक्टर को महंगा पड़ गया. न्यायालय ने नगर इंस्पेक्टर पर शोकॉज करते स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है. मालूम हो कि हो राजीव रौशन हत्याकांड में दो सरकारी गवाहों की गवाही अभी बाकी है. न्यायालय कई बार इंस्पेक्टर को दोनों को पेश करने का आदेश जारी किया था,
परंतु इंस्पेक्टर द्वारा तय तिथि पर इन दोनों गवाहों को नहीं पेश किया गया. मालूम हो कि चर्चित तेजाब कांड के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन हत्याकांड में मो़ शहाबुद्दीन के खिलाफ सुनवाई मंडल कारा की विशेष अदालत सह प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में चल रही है.
इस हत्याकांड में अभी दो सरकारी गवाहों व सूचक की गवाही पूरी नहीं हो सकी है. इसे ले न्यायालय ने पूर्व में नगर इंस्पेक्टर सुबोध कुमार को निर्देश दिया था कि वे दोनों सरकारी गवाहों को तय समय पर न्यायालय के समक्ष पेश करें, लेकिन नगर इंस्पेक्टर द्वारा न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया. एक बार फिर न्यायालय ने शनिवार को अभियोजन से दोनों गवाहों को न्यायालय पेश करने का आदेश सुनाया, लेकिन इस बार भी नगर इंस्पेक्टर ने दोनों गवाहों को नहीं पेश किया. इसे गंभीरता से लेते हुए न्यायाधीश श्री शुक्ल ने नगर इंस्पेक्टर को शोकॉज करते हुए स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.
सूचक की भी नहीं हो सकी गवाही : राजीव रोशन के हत्याकांड के सूचक व मृतक के पिता चंदेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू की मंडल कारा की विशेष अदालत में शनिवार को गवाही वाली थी. परंतु चंदा बाबू गवाही के लिए कोर्ट नहीं पहुंच सके. उनके नहीं पहुंचने पर अभियोजन पक्ष ने न्यायालय को आवेदन दे चंदा बाबू को अस्वस्थ बताया. साथ ही गवाही की समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया.
अभियोजन के आवेदन को स्वीकार करते न्यायालय ने अगले तिथि को ससमय गवाही के उपस्थित होने का आदेश दिया.
वीसी के जरिये हुई शहाबुद्दीन की पेशी
तिहाड़ जेल में बंद पूर्व सांसद मो़ शहाबुददीन की पेशी शनिवार वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई. परंतु, गवाहों के नहीं आने के चलते मामले की आंशिक सुनवाई ही हो सकी. न्यायालय ने अभियोजन पक्ष को अगली तिथि को गवाहों को उपस्थित कराने का आदेश जारी किया. गौरतलब हो कि शहाबुददीन से जुडे तीन मामलों की सुनवाई होनी थी.
पहले मामले में राजीव रौशन हत्याकांड में अभियोजन दो गवाहों व सूचक को हाजिर नहीं करा सका़ वहीं, दूसरा मामला समाहरणालय पर माले द्वारा दिये जा रहे धरने पर गोलीबारी का है. इस मामले में भी गवाही होनी थी, जो नहीं हो पायी. क्योंकि इस मामले में शहाबुद्दीन जमानत पर हैं. उस मामले में अधिवक्ता नियुक्ति का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. इसके चलते सुनवाई नहीं हो पा रही है. इसी तरह मुखिया प्रफुल्ल चंद पटेल हत्याकांड में भी सुनवाई की प्रक्रिया नहीं हो सकी.

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