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जेल में भी विवादों में रहे मो शहाबुद्दीन

आदेश . सीवान जेल में बंद राजद नेता व पूर्व सांसद की मुश्किलें बढ़ीं सीवान : सर्वोच्च न्यायालय के तिहाड़ जेल भेजने के आदेश के बाद एक बार फिर मो शहाबुद्दीन चर्चा में हैं. गत एक दशक से अधिक समय से जेल की सलाखों के पीछे बंद पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की मुश्किलें लगातार बढ़ती […]

आदेश . सीवान जेल में बंद राजद नेता व पूर्व सांसद की मुश्किलें बढ़ीं

सीवान : सर्वोच्च न्यायालय के तिहाड़ जेल भेजने के आदेश के बाद एक बार फिर मो शहाबुद्दीन चर्चा में हैं. गत एक दशक से अधिक समय से जेल की सलाखों के पीछे बंद पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. राजनीति का मैदान हो या अपराध जगत, इन सबके केंद्र में हमेशा पूर्व सांसद रहे हैं. गत ढाई दशक से जिले की राजनीति में गहरी जड़ें जमा चुके मो शहाबुद्दीन जेल में रहते हुए भी चर्चा में रहे. कई चर्चित हत्याकांड में जेल में रहते हुए मो शहाबुद्दीन के साजिशकर्ता की भूमिका अदा करने का मामला पुलिस की फाइल में दर्ज हुआ, तो कई मामलों में पूर्व सांसद का नाम तो उछला पर जांच के दौरान आरोप बेबुनियाद साबित हुआ.
जेल में बंदी के दौरान चर्चित मामले
तेजाब हत्याकांड : शहर के बड़हरिया स्टैंड निवासी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो पुत्र गिरीश राज व सतीश राज 16 अगस्त, 2004 को तेजाब से नहला कर मार देने के मामले में मो शहाबुद्दीन पर आरोप लगा. इसमें निचली अदालत ने हत्याकांड का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी, जिसमें हाइ कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इस घटना के दौरान पूर्व सांसद जेल में बंद थे. जेल से बाहर निकलकर घटना को अंजाम देने के आरोप साबित हुए हैं.
राजीव रोशन हत्याकांड : तेजाब हमले से जुड़े दोहरे हत्याकांड के चश्मदीद मृत दोनों के सगे भाई राजीव रोशन की हत्या में पूर्व सांसद के साजिश रचने का आरोप लगा है. इसकी सुनवाई मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में चल रही है. वर्ष 2014 के जून माह की 16 तारीख को घटना में ही हाइ कोर्ट से छह माह पूर्व जमानत मिलने व इसके दस दिन बाद सर्वोच्च न्यायालय से जमानत खारिज हो जाने के मामले को लेकर पूरे देश की मीडिया में पूर्व सांसद सुर्खियों में रहे थे.
श्रीकांत हत्याकांड : भाजपा नेता श्रीकांत भारतीय की एक शादी समारोह में हिस्सा लेने के दौरान शहर के कृष्णा टॉकिज के समीप बदमाशों ने हत्या कर दी थी. इस मामले में अज्ञात के खिलाफ दर्ज मुकदमे की तफ्तीश के दौरान भाड़े के बदमाशों द्वारा घटना को अंजाम देने का मामला पुलिस उजागर की थी. इस दौरान राजनीतिक विरोधियों ने पूर्व सांसद के नाम को भी घसीटना चाहा लेकिन जांच में ये आरोप गलत साबित हुए. हालांकि इसमें पूर्व सांसद के कई करीबियों का नाम सामने आया.
इस घटना के दौरान भी पूर्व सांसद मंडल कारा में बंद थे.
पूर्व एमएलसी के भाई की हत्या : 25 अक्तूबर, 2005 को भाजपा नेता व पूर्व एमएलसी मनोज कुमार सिंह के भाई मृत्युंजय सिंह के हत्याकांड में भी पूर्व सांसद पर साजिश रचने का आरोप है. शहर के अस्पताल रोड में गोली मार कर बदमाशों ने हत्या की थी. इस घटना के दौरान भी पूर्व सांसद जेल में बंद थे. अब यह मामला प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की विशेष अदालत में चल रहा है. जहां आरोप गठन के विंदु पर सुनवाई होनी है.
पूर्व विधायक के बेटी की हत्या : जीरादेई की पूर्व विधायक आशा पाठक के पुत्र संतोष उर्फ सोनू पाठक व नौकर अशोक कुमार की हत्या में भी जेल में बंदी के दौरान साजिश रचने का पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन के हत्या में नाम शामिल हुआ था. यह घटना 17 मार्च, 2002 की है. बदमाशों ने शाम पांच बजे उनके आंदर ढाला के समीप स्थित हनुमान मंदिर के बगल में मौजूद मकान पर घटना को अंजाम दिया था. अब यह मुकदमा विशेष अदालत में गवाही की प्रक्रिया में है.
इंजीनियर सुरेंद्र पटेल हत्याकांड : तत्कालीन समता पार्टी के नेता व बड़हरिया थाने के भीमपुर निवासी इंजीनियर सुरेंद्र पटेल की बदमाशों ने उनके बगल के गांव भलुआ के नहर पुल के समीप गोली मार कर हत्या कर दी थी. वर्ष 2005 में हुई इस घटना के दौरान पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन जेल में बंद थे. अब यह मामला प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की विशेष अदालत में विचाराधीन है. जहां गवाही की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
मुखिया प्रफुल्ल हत्याकांड : पचरूखी थाना के पागुर कोठी के तत्कालीन मुखिया प्रफुल्ल रंजन सिंह की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. यह घटना 5 मार्च, 2002 को हुई थी. दिनदहाड़े हथियारबंद बदमाशों ने घटना को अंजाम दिया था. मृतक के परिजनों ने इस मामले में पूर्व सांसद को घटना में साजिशकर्ता बताया था. हालांकि मो शहाबुद्दीन उस समय मंडल कारा में बंद थे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पीड़ितों में खुशी
बिहार सरकार के मंत्री से मुलाकात का मामला
मंडल कारा में बिहार सरकार के मंत्री अब्दुल गफूर की पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन से मुलाकात को लेकर चर्चा में रहे. जेल से मुलाकात की यह तसवीर सोशल मीडिया में वायरल हुई थी. इसको लेकर विपक्षी दलों के हमले के कारण प्रदेश सरकार घिरी रही. आखिरकार इसकी गाज यहां तैनात जेल अधीक्षक पर गिरी. जेल अधीक्षक को यहां से शासन ने स्थानांतरित कर दिया गया था.
जेल से फोटो वायरल होने का मामला
सोशल मीडिया में गत एक माह पूर्व मो शहाबुद्दीन की एक तसवीर वायरल हुई थी. जिसे जेल से ही जारी करने का आरोप लगा. चर्चा को आगे बढ़ते देख शासन ने जांच का आदेश दे दिया. डीएम ने दो सदस्यीय टीम का गठन कर जांच की. जांच में रिपोर्ट सही साबित हुई. इसकी जांच सदर एसडीओ भूपेंद्र प्रसाद यादव व आरक्षी उपाधीक्षक कृष्ण मुरारी ने की थी, जिसके बाद जेल अधीक्षक विधु भारद्वाज के आवेदन पर मुफस्सिल थाने में कांड सं. 20/17 के तहत पूर्व सांसद पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
पत्रकार हत्याकांड
वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड देश में सुर्खियों में रही. नगर के रेलवे स्टेशन रोड पर फलमंडी के समीप बाइक सवार बदमाशों ने पत्रकार श्री रंजन की गोली मार कर हत्या कर दी थी. इस मामले में उनकी पत्नी आशा रंजन के आवेदन पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की. पुलिसिया जांच में शहर के ही पांच लोगों के हत्याकांड में शामिल होने की बात उजागर हुई. इस घटना के दौरान भी पूर्व सांसद जेल में बंद रहे. हालांकि बाद के दिनों में पत्रकार की पत्नी ने पूर्व सांसद के संलिप्त होने का आरोप लगाया है.
विचाराधीन व सजायाफ्ता मामले
विचाराधीन मामले
राजीव रोशन हत्याकांड
मुन्ना चौधरी हत्याकांड
सुरेंद्र पटेल हत्याकांड
पूर्व विधायक आशा पाठक के बेटे की हत्या
पूर्व एमएलसी मनोज सिंह के भाई की हत्या
प्रफुल्ल रंजन सिंह हत्याकांड
कमरूल हक अपहरण कांड
विधायक आशा पाठक के पुत्र व नौकर हत्याकांड
जेल में मोबाइल बरामदगी
इन मामलों में बरी
डीएवी कॉलेज में बमबारी
दरोगा संदेश बैठा से मारपीट
सजायाफ्ता मामले
छोटे लाल अपहरण कांड में उम्र कैद
विदेशी पिस्तौल मामले में पांच वर्ष की सजा
एसएपी एसके सिंघल पर फायरिंग मामले में दस वर्ष की सजा
भाकपा माले कार्यालय पर फायरिंग में दो साल की सजा
राजनारायण अपहरण मामले में तीन साल की सजा
बाइक चोरी में तीन साल की सजा
जीरादेई थानाध्यक्ष को धमकी मामले में एक साल की सजा

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