महाराजगंज : अनुमंडल के अधिवक्ता संघ अपनी मांग को लेकर शुक्रवार के सड़क पर उतर गया. वकील पिछले पांच दिनों से लगातार एसडीएओ कार्यालय के समक्ष धरना दे रहे हैं. अपनी मांगों के समर्थन में प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं देने पर गुस्साये अधिवक्ता शहर के सड़कों पर प्रशासन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की. अनुमंडल मुख्यालय से नारेबाजी व प्रदर्शन करते वक्ताओं ने शहर के राजेंद्र चौक पहुंच कर सड़क जाम कर अपनी बातों को जनता के बीच रखा. अधिवक्ताओं ने कहा कि प्रशासन हाइकोर्ट के निर्देश को भी दरकिनार कर जनता की आकांक्षाओं पर पानी फेर रहा है. अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय का कार्य शुरू करने के लिए अनुमंडल के अधिवक्ता संघ लगातार पांच दिनों से धरना पर बैठा है. लेकिन कोई अधिकारी सुधि लेने को तैयार नहीं है.
क्या है मामला: पटना हाइकोर्ट के निर्देश पर विगत साल सीवान के तत्कालीन जज शैलेंद्र प्रताप सिंह, डीएम संजय कुमार के साथ जिले के अन्य अधिकारियों ने महाराजगंज का दौरा कर न्यायालय चलाने के लिए वस्तुस्थिति की जानकारी ली. फुलेना शहीद स्मारक के समीप पुराने अनुमंडल कार्यालय में व्यवहार न्यायालय चलाने के लिए चयन किया गया. 25 मई, 2015 को जिला प्रशासन द्वारा व्यवहार न्यायालय के उद्घाटन की तिथि भी निर्धारित की गयी.
न्यायालय चलाने के लिए उपस्कर व अन्य सामग्री भी महाराजगंज में प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया गया, लेकिन अचानक एक रोज पूर्व उद्घाटन की तिथि को स्थगित किया गया. अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश प्रसाद सिंह ने कहा कि तिथि विस्तार का आश्वासन मिलता रहा. लेकिन, डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी प्रशासन मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
प्रशासन को अधिवक्ता मान रहे जिम्मेवार : शहर की सड़कों पर प्रदर्शन के बाद वकीलों ने शहीद फुलेना स्मारक में सभा की. अधिवक्ताओं ने साफ शब्दों में कहा, शुक्रवार की शाम तक प्रशासन द्वारा कोई जवाब नहीं मिला, तो शनिवार को अनुमंडल कार्यालय में एसडीएओ समेत सभी अधिकारियाें के कक्ष में ताला जड़ा जायेगा. उन्होंने कहा, जब तक धरना-प्रदर्शन होगा, तालाबंदी चलती रहेगी.
जब तक प्रशासन व्यवहार न्यायालय का कार्य रूप नहीं दे देता है. काफिले में संघ के अध्यक्ष मुंशी सिंह, सचिव दिनेश प्रसाद सिंह, अनिल सिंह, जयप्रकाश सिंह, पीपी रंजन, विजय कुमार सिन्हा, राजकिशोर शर्मा, आमोद कुमार भानु, अमरेश कुमार सिंह, रमेश उपाध्याय, शंभु नाथ सुरोपम आदि शामिल थे.