सीवान : प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में चर्चित तेजाब हत्याकांड में गवाह का जिरह नहीं हो सकी. बचाव पक्ष के अधिवक्ता इष्टदेव तिवारी ने आवेदन देकर कोर्ट से आग्रह किया कि घटना के अनुसंधानकर्ता की गवाही हो जाने के बाद गवाह नीतीश राज की जिरह करूंगा. बचाव पक्ष के आवेदन पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने अपना आदेश सुरक्षित रखा. अभियोजन की तरफ से एपीपी अक्षय लाल यादव ने गवाह नीतीश राज की हाजिरी दाखिल की.
16 अगस्त, 2004 को शहर के व्यवसायी चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो पुत्रों गिरीश राज व सतीश राज की हत्या कथित रूप से तेजाब से नहला कर कर दी गयी थी. इस मामले में मृतकों की मां कलावती देवी के बयान पर पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन समेत एक दर्जनों लोगों को अभियुक्त बनाया गया. इस मामले में पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है तथा उन्हें हाइकोर्ट से जमानत भी मिल चुकी है. एडीजे वन के कोर्ट में आरोपित नागेंद्र तिवारी, छोटेलाल शर्मा, कन्हैयालाल गुप्ता, मकसूद मियां, टुन्ना मियां, झब्बू मियां, अजमेर मियां, आफताब मियां व रशीद मियां के खिलाफ गवाही चल रही है.