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धमकी के बाद बढ़ी सुरक्षा

सुरक्षा . पुलिस आशा रंजन व परिवार की कर रही है निगरानी सीवान : दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की मोबाइल पर धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है. 26 दिसंबर की रात उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने अपने को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन का करीबी बताते […]

सुरक्षा . पुलिस आशा रंजन व परिवार की कर रही है निगरानी
सीवान : दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की मोबाइल पर धमकी मिलने के बाद उनकी सुरक्षा और बढ़ा दी गयी है. 26 दिसंबर की रात उनके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने अपने को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन का करीबी बताते हुए हत्या करने धमकी दी थी. इसमें सर्वोच्च न्यायालय में पूर्व सांसद को राज्य से बाहर भेजने की दायर याचिका को वापस नहीं लेने पर आशा रंजन को काट कर टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी दी गयी है. 26 दिसंबर की रात 12.28 मिनट पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने आशा रंजन के मोबाइल पर कॉल किया था.
आशा रंजन ने कहा है कि मेरे मोबाइल पर फोन नंबर +671 से फोन आया. फोन करनेवाले व्यक्ति ने कहा कि शहाबुद्दीन को जानती हो. आशा रंजन के हां कहने पर फोन करने वाले ने धमकी देते हुए कहा कि बहुत नाटक हो गया. तुम लोग अभी सीधे-सीधे अपना सुप्रीम कोर्ट वाला केस वापस लो, वरना इतने टुकड़े में काटेंगे कि कोई पहचान नहीं पायेगा. आशा रंजन ने एसपी से गुहार लगाते हुए कहा है कि साहब हम बहुत डरे हुए हैं.
हमारी मदद कीजिए. हमें लगातार धमकियां मिलती रहती हैं और हमें मिली सुरक्षा भी सिर्फ नाम मात्र की और वो भी कागजों पर है. आशा रंजन ने अपने आवेदन के अंत में लिखा है कि मेरे परिवार की जान खतरे में है. शिकायत के बाद महादेवा ओपी थानाध्यक्ष व गश्ती दल धमकी दिये जाने के बाद उनके व उनके परिवार की लगातार निगरानी कर रहा है. आशा रंजन को पहले से ही छह सुरक्षा गार्ड दिये गये हैं.
पत्रकार राजदेव रंजन की अपराधियों ने 13 मई को गोली मार कर कर दी थी. घटना के बाद राज्य सरकार की अनुशंसा में सीबीआइ मामले की जांच कर रही है. इस दौरान पत्रकार की पत्नी आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को अपने पति राजदेव रंजन की हत्या में साजिशकर्ता होने का आरोप लगाया है. आशा रंजन ने पूर्व सांसद को सीवान जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने की भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
तेजाब कांड में अपने दो पुत्रों व उस कांड के गवाह तीसरे पुत्र को खोने वाले चंदा बाबू ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को सीवान से दिल्ली तिहाड़ जेल में स्थानांतरित करने का आग्रह किया है. जेल से बाहर निकलने पर मुकदमे के प्रभावित होने की शिकायत की है. महादेवा ओपी थानाध्यक्ष शंभुनाथ सिंह ने बताया कि आशा रंजन के आवेदन पर एफआइआर दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
उन्होंने बताया कि धमकी दिये जाने के बाद मेरे व गश्ती दल द्वारा आशा रंजन व उनके परिवार की निगरानी की जा रही है. उधर पुलिस से शिकायत करने के बाद से आशा रंजन जिले से बाहर हैं. यह चर्चा है कि अपने जानमाल के खतरे को लेकर आशा रंजन जिले से बाहर चली गयी हैं. हालांकि आशा रंजन ने दूरभाष पर प्रभात खबर को बताया कि वह व्यक्तिगत कारणों से जिले से बाहर गयी हैं. अगले दो दिन में वापस लौट आयेंगी.

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