सूप व दउरा के निर्माण में लगे लोग.
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अंतिम चरण में सूप व दउरा का चल रहा निर्माण
सूप व दउरा के निर्माण में लगे लोग. सीवान : नगर के कचहरी रोड से सट्टे जिला परिषद के समीप सड़क के किनारे ही बांस फोर परिवार के लगभग एक दर्जन से अधिक घर है. जहां अंतिम चरण में सूप व दउरा का निर्माण चल रहा है. हर किसी के हाथ में बास के बरतन […]
सीवान : नगर के कचहरी रोड से सट्टे जिला परिषद के समीप सड़क के किनारे ही बांस फोर परिवार के लगभग एक दर्जन से अधिक घर है. जहां अंतिम चरण में सूप व दउरा का निर्माण चल रहा है. हर किसी के हाथ में बास के बरतन बनाते ही नजर आ रहा है. छठ पर्व में बास से बने सूप व दउरा का बहुत ही महत्व है. इस दौरान मोहल्ला के लोगों ने कहा है कि इस कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार या प्रशासन के स्तर पर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है. इधर बाजार में झारखंड के मधुपुर के भी सूप व अन्य बरतन बास के आने कारण इनके हाथों के बने सामान कि मांग कम हो गयी है. इनका कहना था कि हम लोगों के प्रति आज तक किसी ने सोचा ही नहीं. जिसके कारण यह पुश्तैनी धंधा धीरे-धीरे विलुप्त के कगार पर है.
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