सीवान : कौन भइया चल ले अहेलिया, कौन बहन देली अशीष हो न, जीअस हो मोर भइया जीअ भइया लाख बरिस हो न. लोकगीत का यह समूह गान भाइयों के सुरक्षित जीवन के लिए शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों में गूंजा. मौका था भाई के लिए किया जाने वाला पर्व गोवर्धन पर्व का. इसको लेकर सुबह से ही महिला जुटी थीं. इस दौरान एक स्थान काफी संख्या में जुट कर महिलाओं ने सामूहिक रूप से गोवर्धन को कूटा.
इससे पहले महिलाओं रेंगनी के काट से जीभ में लगाकर भाई व परिवार के अन्य लोगों को श्राप दिया. उसके बाद में सभी के लंबी उम्र के लिए प्रार्थना किया. इस दौरान भाइयों को श्राप देकर मंगलकामना करने वाली बहनों ने भाइयों को बजरी व मिठाई खिला कर उनके लंबी आयु की प्रार्थना की. छोटी बहनों ने जहां स्नेह दिया वहीं बड़ी बहनों ने आशीष दी़