7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उद्घाटन की बाट जोह रहा कस्तूरबा बालिका हॉस्टल

सीवान : शिक्षा विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि सालों से कस्तूरबा बालिका छात्रावास का भवन बन कर पूरी तरह तैयार नहीं हो सका है. एक तरफ सरकार समाज के दलित व कमजोर वर्ग की छात्राओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें शिक्षा रूपी हथियार से लैस करना चाहती है, […]

सीवान : शिक्षा विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि सालों से कस्तूरबा बालिका छात्रावास का भवन बन कर पूरी तरह तैयार नहीं हो सका है. एक तरफ सरकार समाज के दलित व कमजोर वर्ग की छात्राओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उन्हें शिक्षा रूपी हथियार से लैस करना चाहती है, वहीं विभाग के आला अफसर उन्हे मूर्त रूप देने में कोताही बरतने से बाज नहीं आ रहे हैं.

इसी का नतीजा है कि प्रखंड के मध्य विद्यालय कैलगढ़ के परिसर में वर्ष 2009 से बन रहा कस्तूरबा छात्रावास आज तक बन कर तैयार नहीं हो सका है. विदित हो कि कस्तूरबा बालिका छात्रावास अपने शुरुआती दौर से ही झंझावतों को झेल रहा है. पहले यह कस्तूरबा सह स्कूल बड़हरिया के प्रभुनाथ सिंह के मकान में खोला गया था. उसके बाद जुल्फीकार अहमद के भवन में शिफ्ट हो गया. इन दोनों जगहों पर विद्यालयीय परिवेश नहीं बनने के कारण इस कस्तूरबा बालिका छात्रावास को वर्ष 2009 में कैलगढ़ स्थित मध्य विद्यालय के परिसर में शिफ्ट कर दिया गया.
अलबत्ता वर्ष 2009 में ही भवन निर्माण का काम शुरू हुआ, परंतु विभागीय लापरवाही के कारण सितंबर, 2016 तक भवन का निर्माण नहीं हो पाया है. इस बीच मध्य विद्यालय, कैलगढ़ से तीन प्रधानाध्यापकों ने अवकाश भी ग्रहण कर लिया. लेकिन, इतने लंबे अंतराल के बाद भी छात्रावास नहीं बन सका है. अलबत्ता छात्रावास के अभाव में अभिवंचित वर्ग व कमजोर वर्ग की छात्राओं को घोर असुविधा के बीच मध्य विद्यालय के कैलगढ़ के कक्ष में ही रहने का विवश हैं. दरअसल, समाज के अभिवंचित वर्ग की पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक की छात्राओं को तमाम सुविधाओं से लैस छात्रावास में रहने का प्रावधान है, जहां भोजन, कपड़ा व अन्य सुविधाएं मुफ्त मिलती हैं. लेकिन, विभागीय उदासीनता के कारण उन्हें वे तमाम सुविधाएं हासिल नहीं हो पाती हैं, जिनकी ये छात्राएं हकदार हैं. प्रधानाध्यापक महादेव प्रसाद ने छात्रावास के निर्माण के लिए विभागीय उदासीनता के साथ ही पूर्ववर्ती प्रधानाध्यापक को दोषी ठहराया है. श्री प्रसाद कहते हैं कि छात्रावास बन कर तैयार है. कुछ हल्का-फुल्का काम बाकी रह गया है. शौचालय में किवाड़ नहीं लग पाया है व वायरिंग नहीं हो पायी है. उम्मीद है कि 15 दिनों के अंदर भवन निर्माण पूर्णत: बन
जायेगा व उसके बाद उद्घाटन की तिथि तय होगी.
बन कर तैयार है कस्तूरबा बालिका छात्रावास
शिक्षा विभाग की उदासीनता से हो रही देरी
प्रधानाध्यापक ने 15 दिनों के भीतर छात्रावास के पूर्ण होने की जतायी उम्मीद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें