राजदेव हत्याकांड. कई अनसुलझे सवाल आज भी पुलिस के लिए बन गये पहेली
Advertisement
अब तक नहीं सुलझा हत्या का राज
राजदेव हत्याकांड. कई अनसुलझे सवाल आज भी पुलिस के लिए बन गये पहेली सीवान : चार माह पूर्व हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के आज भी कई अनसुलझे सवाल पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं. घटना के 12वें दिन ही पांच हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया था. साथ […]
सीवान : चार माह पूर्व हुए पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के आज भी कई अनसुलझे सवाल पुलिस के लिए पहेली बने हुए हैं. घटना के 12वें दिन ही पांच हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया था. साथ ही घटना में प्रयुक्त हथियार को बरामद कर पुलिस ने तथ्यों में घटना की पूरी परिदृश्य साफ कर दी. लेकिन, अब भी घटना को अंजाम देने के अपराधियों की नीयत को पुलिस साफ नहीं कर सकी है.
इसके अलावा अब भी चार अभियुक्त पुलिस की पकड़ से दूर हैं. इनके मामले में पुलिस की कार्रवाई पर ही शुरू से सवाल उठने लगे हैं. वरिष्ठ पत्रकार राजदेव रंजन की 13 मई की शाम बदमाशों ने रेलवे स्टेशन रोड पर फलमंडी के समीप गोली मार कर हत्या कर दी थी.
इस मामले में मृतक की पत्नी आशा यादव ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. इस घटना के बाद से लगातार सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के जिले से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन से शासन व प्रशासन की खूब किरकिरी हुई. हालांकि घटना के 12वें दिन पुलिस ने हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर आंदोलन की ताप को ठंडा कर दिया. पुलिस ने नगर थाने के मौलेसरी चौक पटवा टोली के रोहित, बड़ी मसजिद चौक बाजार निवासी रिशु कुमार उर्फ रिशु जायसवाल, बबुनिया रोड अड्डा नंबर दो निवासी राजेश कुमार, शेख मोहल्ला निवासी विजय कुमार गुप्ता, शुक्ल टोली निवासी सोनू कुमार को गिरफ्तार कर उनकी हत्या में शामिल रहने का दावा किया.
इसके एक दिन बाद ही घटना में प्रयुक्त पिस्टल व कारतूस सोनू कुमार के घर से बरामद कर लिया. आरोपितों से पूछताछ में नगर थाने के रामनगर निवासी जहरूद्दीन उर्फ लड्डन मियां का नाम सामने आया. हत्यारोपितों के मुताबिक लड्डन के कहने पर ही उन लोगों ने घटना को अंजाम दिया.
सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से भी नहीं खुला राज : घटनास्थल के सामने मौजूद सरिया व सीमेंट की प्रसाद इंटरप्राइजेज की दुकान व मेट्रो साड़ी सेंटर में लगे सीसीटीवी के फुटेज से बदमाशों की पहचान होने की उम्मीद भी अधूरी रह गयी. दो सीसीटीवी के फुटेज को खंगालते हुए जांच के लिए पटना स्थित विशेषज्ञ के पास भी भेजा गया. इसके बाद भी पुलिस के सामने चेहरा साफ नहीं हो सका. यह बात सामने आयी कि फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गयी है. हालांकि यह करतूत किसने व क्यों कि यह पुलिस नहीं बता सकी.
केंद्रीय मंत्री का अाश्वासन भी नहीं आया काम : केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने एक सप्ताह पूर्व यहां भाजपा के आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान जल्द सीबीआइ जांच शुरू कराने का भरोसा दिलाया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर जांच शुरू हो जायेगी. उनका यह आश्वासन भी पूरा होते नहीं दिख रहा है. इससे लोगों में नाराजगी है.
घटना के 12वें दिन पांच हत्यारोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने कर दिया था खुलासा
लड्डन की खामोशी से नहीं खुला राज
घटना के साजिशकर्ता लड्डन मियां से पुलिस तमाम प्रयास के बाद भी उससे मामले का राज नहीं खुलवा सकी. आखिरकार न्यायालय से नार्को व पॉलीग्राफी टेस्ट कराने की अनुमति मांगी. लेकिन सीजेएम कोर्ट से इजाजत नहीं मिली. हालांकि आदेश के खिलाफ पुलिस ने आगे ऊपर के कोर्ट में अपील नहीं की. कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने एक बार फिर लड्डन समेत सभी गिरफ्तार अभियुक्तों के नार्को टेस्ट कराने के लिए आवेदन दिया. इसकी आरोपितों द्वारा असहमति जताने पर कोर्ट ने जांच कराने की अनुमति नहीं दी.
खास बात यह रही कि लड्डन के मामले में पूर्व में भी सीजेएम कोर्ट के इजाजत नहीं देने पर पुन: अनुमति मांगने पर कोर्ट ने अनुसंधानकर्ता को फटकार भी लगायी. अब हाल यह है कि कोर्ट में पुलिस चार्जशीट पेश कर चुकी है. इसमें घटना के कारण का कोई उल्लेख नहीं है.
तीन आरोपितों पर अनुसंधान लंबित
हत्याकांड की जांच के दौरान और चार नाम और सामने आये थे. इसमें से अब तक एक मात्र नगर थाने के शांति वट वृक्ष मोहल्ला निवासी सोनू कुमार सोनी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा चुका है. इस मामले में सोनू के अधिवक्ता द्वारा अग्रिम जमानत के लिए जिला व सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में आवेदन दिया है, जो सुनवाई के लिए लंबित है. वहीं, अन्य तीन अभियुक्तों के मामले में पुलिस मौन नजर आ रही है. इससे अभियुक्त भी पसोपेश में हैं. इसके पीछे तीन में से एक आरोपित के घटना के दिन शहर में नहीं होने की बात खुद पुलिस दबे जुबान स्वीकार कर रही है.
सीबीआइ जांच केंद्र के पाले में अटकी : हत्याकांड की सीबीआइ जांच कराने की उठी मांग पर प्रदेश सरकार ने संस्तुति करते हुए कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार को लिखा था.
इस संबंध में सचिव गृह विभाग बिहार सरकार ने अपने पत्रांक 3805, दिनांक 16 मई को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना को अधिनियम 46 की धारा 6 की प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए पत्र जारी किया है. इसके तकरीबन साढ़े तीन माह बाद भी सीबीआइ की जांच प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. केंद्र सरकार की उदासीनता के लग रहे आरोप को देखते हुए सांसद ओमप्रकाश यादव ने इस मामले में संसद में सवाल भी उठाया. इसके बाद भी नतीजा सिफर रहा.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement