10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कालाजार मरीजों का नहीं हो रहा इलाज

ग्रामीण क्षेत्रों के नोडल पीएचसी में इलाज नहीं होने पर भटकते हैं मरीज कालाजार मरीजों के इलाज में फिसड्डी है मैरवा नोडल रेफरल अस्पताल सीवान : कालाजार बीमारी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में चार नोडल पीएचसी में मरीजों के इलाज की व्यवस्था की है. इसके लिए वहां के कर्मचारियों को […]

ग्रामीण क्षेत्रों के नोडल पीएचसी में इलाज नहीं होने पर भटकते हैं मरीज

कालाजार मरीजों के इलाज में फिसड्डी है मैरवा नोडल रेफरल अस्पताल
सीवान : कालाजार बीमारी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में चार नोडल पीएचसी में मरीजों के इलाज की व्यवस्था की है. इसके लिए वहां के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के बाद एमबीजोम दवा उपलब्ध करायी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा कालाजार की दवा नोड‍ल पीएचसी में उपलब्ध कराये जाने के बाद भी वहां के डॉक्टर मरीजों का इलाज करने में आनाकानी कर रहे हैं. वे या तो मरीजों को सदर अस्पताल में रेफर कर देते हैं या मरीज स्वयं प्राइवेट में इलाज कराने के लिए चला जाता है. इसका दुष्परिणाम यह होता है कि कालाजार को खत्म करने के लिए अचूक दवा एमबीजोम के सिंगल डोज से मरीज वंचित रह जाते हैं और कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता पर प्रश्नचिह्न लग रहा है.
मैरवा रेफरल अस्पताल इलाज के मामले में है फिसड्डी: मलेरिया विभाग ने सदर अस्पताल के अलावा बसंतपुर,गोरेयाकोठी,बड़हरिया तथा मैरवा रेफरल अस्पताल में कालाजार मरीजों के इलाज की व्यवस्था की है. इसके लिए वहां के डॉक्टरों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर दवा और और सामान उपलब्ध कराये हैं.ग्रामीण क्षेत्रों के इन नोडल पीएचसी में कालाजार मरीजों की जितनी संख्या में इलाज होना चाहिए, उतना नहीं हो पा रहा है. जनवरी से लेकर अब तक मैरवा में दो, गोरेयाकोठी में 31, बड़हरिया में 15, बसंतपुर में 37 तथा सीवान में 98 कालाजार के मरीजों को एमबीजोम की दवा दी गयी. सदर अस्पताल में जितने भी मरीजों को दवा दी गयी है, उनमें से नब्बे से अधिक प्रतिशत मरीज ग्रामीण क्षेत्रों के हैं, जहां पर विभाग ने नोडल पीएचसी खोला है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
आपका कहना सही है. नोडल पीएचसी की जैसी उपलब्धि होनी चाहिए, वैसी नहीं है. मैरवा रेफरल अस्पताल में कालाजार के बहुत कम मरीजों का ही इलाज हुआ है.सभी नोडल पीएचसी पर नजर रखी जा रही है.सुधार नहीं होने पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ एमआर रंजन
प्राइवेट में इलाज करानेवाले मरीज हो जाते है सुविधा से वंचित
कालाजार उन्मूलन के लिए विभाग महंगी दवा एमबीजोम मरीजों को मुफ्त में उपलब्ध कराता है. इसकी सिंगल डोज की दवा से मरीज को कालाजार से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही विभाग मरीज व उसके साथ आने वाले परिवार के एक सदस्य को सात हजार एक सौ रुपये भी देता है, लेकिन जो लोग प्राइवेट में इलाज कराते हैं, उन्हें महंगी दवा एमबीजोम नहीं मिल पाती है. साथ ही मिलने वाली सरकारी सहायता से भी मरीज व उनके परिजन वंचित हो जाते हैं. विभाग ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है कि प्राइवेट में इलाज कराने वाले मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए उन्हें लाइन अप किया जाये. सरकारी अस्पतालों में जब मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं, तो कालाजार विभाग उस क्षेत्रों में फाॅगिंग कराता है, जिससे बीमारी के और फैलने का खतरा नहीं रहता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें