सीवान जंकशन. 30 हजार यात्रियों के लिए है मात्र तीन सीटों वाला शौचालय
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रेलयात्रियों को परेशानी-ही-परेशानी
सीवान जंकशन. 30 हजार यात्रियों के लिए है मात्र तीन सीटों वाला शौचालय पूर्वोतर रेलवे में सीवान जंकशन राजस्व देने के मामले में अव्वल होते हुए भी यहां पर बुनियादी यात्री सुविधाएं रेल यात्रियों को मयस्सर नहीं हो सकी़ं यहां से यात्रा शुरू करनेवाले रेल यात्रियों को परेशानियां ही परेशानियां हाथ लगती है़ं स्टेशन पर […]
पूर्वोतर रेलवे में सीवान जंकशन राजस्व देने के मामले में अव्वल होते हुए भी यहां पर बुनियादी यात्री सुविधाएं रेल यात्रियों को मयस्सर नहीं हो सकी़ं यहां से यात्रा शुरू करनेवाले रेल यात्रियों को परेशानियां ही परेशानियां हाथ लगती है़ं स्टेशन पर न तो यात्रियों के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था है और न यूरिनल की़ उच्च श्रेणी के यात्री प्रतीक्षालय का शौचालय उपयोग करने लायक नहीं है़ सबसे ज्यादा परेशानी महिला यात्रियों को होती है़ शौचालय और वाहन स्टैंडों के संचालकों द्वारा यात्रियों से खुलेआम ओवर चार्ज लेना आम बात हो गयी है़
सीवान : यात्रियों की सुविधा के लिए सीवान जंकशन पर तीन सीटों वाला एक पे एंड यूज शौचालय है़ यहां से करीब 30 हजार रेलयात्री प्रतिदिन अपनी रेलयात्रा को शुरू या खत्म करते है़ं
यात्रियों की संख्या को देखते हुए यहां पर शौचालयों की कमी है़ रेल यात्रियों से हर बार शौचालय या स्नानागार उपयोग करने पर दो रुपये तथा दोनों का उपयोग करने पर पांच रुपये का शुल्क रेल ने निर्धारित किया है़ लेकिन, ऐसा नहीं होता है़ पे एंड यूज शौचालय के संवेदक के कर्मचारी शौचालय व स्नानागार के हर बार उपयोग पर पांच रुपये और दोनों के उपयोग पर पांच की जगह दस रुपये वसूल करते है़ं रेल के मानक के अनुसार, शौचालयों की सफाई नहीं होने से रेल यात्रियों को काफी परेशानी होती है. गंदगी पाये जाने पर पिछले सप्ताह एसीसीएम ने शौचालय के संचालक पर करीब पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया था़
सर्कुलेटिंग एरिया के यूरीनल की सफाई भी इसी संवेदक को करानी है, लेकिन कभी सफाई नहीं होती है़ पे एंड यूज शौचालय से रेल को तीन माह पर दो लाख पंद्रह हजार रुपये के राजस्व की प्राप्ति होती है़.
सीवान जंकशन पर पिक एंड जॉब वाहनों को भी देने पड़ते हैं रुपये
वाहन स्टैंड में ओवर चार्ज की शिकायत आम बात
सीवान जंकशन का या तो बाइक स्टैंड हो या चार पहिया स्टैंड सभी स्टैंडों में रेल यात्रियों द्वारा ओवर चार्ज किये जाने की शिकायत हमेशा रेल अधिकारियों से की जाती है़ लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखता है़ रेल ने साइकिल के लिए तीन, बाइक के लिए पांच, तीन पहिया के लिए 10 तथा चार पहिया के लिए 10 रुपये का शुल्क निर्धारित किया है, लेकिन संवेदक के कर्मचारियों द्वारा तीन रुपये की जगह पांच, पांच रुपये की जगह 10 रुपये तथा 10 रुपये की जगह 20 रुपये खुलेआम वसूल किये जाते है़ं
लोगों में चर्चा है कि ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी स्थानीय रेल अधिकारियों को नहीं है़ ओवर चार्ज की जानकारी हाेते हुए कोई कार्रवाई नहीं होना कई शंकाओं को जन्म देता है़ कोई यात्री अगर अपने वाहन से स्टेशन के फ्री लेन में आता है तथा यात्री को उतार कर वाहन वापस चला जाता है, तो ऐसे वाहनों से भी स्टैंड शुल्क वसूल किये जाते है़ं रेल के नियमानुसार ऐसे पिक एंड जॉब वाहनों से स्टैंड शुल्क नहीं लेना है़
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