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पहले आओ, पहले पाओ पर नामांकन

मिशन एडमिशन. राजा सिंह महाविद्यालय में विज्ञान व कला संकायों के 1024 सीटों पर होगा नामांकन 15 जून से शुरू होगी नामांकन की प्रक्रिया सीवान : नगर स्थित राजा सिंह महाविद्यालय में इंटर में नामांकन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू होगी. इस महाविद्यालय में 1024 सीटों पर विज्ञान व कला संकायों में नामांकन होगा. […]

मिशन एडमिशन. राजा सिंह महाविद्यालय में विज्ञान व कला संकायों के 1024 सीटों पर होगा नामांकन

15 जून से शुरू होगी नामांकन की प्रक्रिया
सीवान : नगर स्थित राजा सिंह महाविद्यालय में इंटर में नामांकन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू होगी. इस महाविद्यालय में 1024 सीटों पर विज्ञान व कला संकायों में नामांकन होगा. यहां विज्ञान व कला संकायों में 512-512 सीटें हैं. नामांकन की प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी. प्राचार्य उदय शंकर पांडेय ने बताया कि नामांकन से पूर्व छात्रों का आवेदन फॉर्म भरना जरूरी होगा. आवेदन फाॅर्म भरने के बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी.
बकौल प्राचार्य छात्रों के हित में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर नामांकन प्रक्रिया को अपनाया गया है. श्री पांडेय ने बताया कि पिछले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा का प्रतिशत अधिक होने के बाद भी कुछ सीटें रिक्त रह गयी थीं. इस बार परीक्षा परिणाम में गिरावट आने के बाद सीटें रिक्त न रह जाएं, इसका भी ख्याल महाविद्यालय प्रशासन रखेगा.
महाराजगंज : सूबे की सरकार भले ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की व्यवस्था की बात कर रही हो, लेकिन इस वर्ष की तरह कड़ाई से परीक्षा ली गयी, तो फिर रिजल्ट में सुधार संभव नहीं हो पायेगा. इस बार के रिजल्ट से भी खराब रिजल्ट होने की आशंका बढ़ जायेगी. जिस तरह की पढ़ाई महाराजगंज अनुमंडल क्षेत्र के स्कूलों में हो रही है,
ऐसे में सिलेबस पूरा करना कठिन होगा. सिलेबस के अनुसार पढ़ाई शुरू होने की दावा की जाती हो, लेकिन स्कूलों में पढ़ाई सिलेबस के अनुसार पूरी नहीं है. वास्तविकता यह है कि माध्यमिक स्कूलों के अधिकतर शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पंचायत चुनाव में कर दी गयी है. चुनाव में ड्यूटी लेने के लिए शिक्षक भी लालायित रहते हैं. विद्यार्थियों का ढाई माह का समय बरबाद हो रहा है. यह तय माना जा रहा है इस बार भी विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई के बलबूते पर ही तैयारी करनी पड़ रही है. बिना गुरु के छात्र कैसे तैयारी कर रहे हैं, इसके बारे में खुद समझने की बात है.
वहीं, शिक्षकों की मानें, तो गैर सरकारी कार्य में लगाये जाने से बच्चों की शिक्षा बाधित होती है.
क्या कहते हैं डीइओ
सरकार के आदेश के अनुसार शिक्षा विभाग का कार्य कराया जा रहा है. इस वर्ष नौवीं की विशेष परीक्षा लेने की योजना सरकार की अच्छी पहल है. विशेष परीक्षा पास करना अनिवार्य तो नहीं है. लेकिन छात्रों को इस परीक्षा से छात्रों की मेधा को परखा जा सकता है. विशेष परीक्षा में खराब प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों को विशेष मदद करने का निर्देश शिक्षकों का दिया गया है.
विश्वनाथ विश्वकर्मा,डीइओ, सीवान

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