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शहाबुद्दीन से मुलाकात : दर्ज 20, लेकिन मुलाकाती थे 63, जारी होगा नोटिस

सीवान के जेलर पर कार्रवाई तय जेल में शहाबुद्दीन से मुलाकात के मामले में वहां के जेलर की भूमिका पर सवाल उठे हैं. आरोप है कि उन्होंने रजिस्टर में सिर्फ 20 मुलाकातियों को दिखाया है, जबकि छापेमारी में 63 पकड़े गये थे. यानी 43 मुलाकातियों को अवैध रूप में इंट्री दिलायी गयी थी. पटना : […]

सीवान के जेलर पर कार्रवाई तय

जेल में शहाबुद्दीन से मुलाकात के मामले में वहां के जेलर की भूमिका पर सवाल उठे हैं. आरोप है कि उन्होंने रजिस्टर में सिर्फ 20 मुलाकातियों को दिखाया है, जबकि छापेमारी में 63 पकड़े गये थे. यानी 43 मुलाकातियों को अवैध रूप में इंट्री दिलायी गयी थी.

पटना : सीवान जेल में पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन से नियमों का उल्लंघन कर लाेगों की मुलाकात कराने के मामले मेें वहां के जेलर पर कार्रवाई की तैयारी है. आरोप है कि बुधवार को जिस समय जेल में छापेमारी की गयी, उस समय जेल रजिस्टर में शहाबुद्दीन से मुलाकात करनेवालों की संख्या महज 20 के आसपास दर्ज थी, लेकिन हकीकत में 60 से ज्यादा लोग उनसे मिलने बैठे हुए थे, जो सरासर जेल मैन्युअल का उल्लंघन है.

इसके लिए जेलर को दोषी पाते हुए उनसे गृह विभाग उन्हें ‘शोकॉज नाेटिस’ भेजने जा रहा है. जवाब संतोषजनक नहीं पाये जाने पर जेलर पर सख्त विभागीय कार्रवाई की जायेगी. जेलर पर यह कार्रवाई सीवान जिला प्रशासन की रिपोर्ट पर होगी.

जेलर की भूमिका पर उठते ये सवाल : 18 मई को जेल में तमाम नियमों को तोड़ कर पूर्व सांसद शहाबुद्दीन दरबार लगाये हुए थे. इतनी बड़ी संख्या में लोग उनसे मिलने के लिए आये हुए थे.

जेल में लोगों का इस तरह का हुजूम बिना जेल प्रशासन की अनुमति या सहमति के जमा होना संभव नहीं है. अगर जेलर को पूर्व सांसद के लोगों को रोकने में किसी तरह की समस्या आ रही थी, तो उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षा बलों की मांग क्यों नहीं की? इस तरह की गतिविधि पहले से भी जेल में होती रही है, तो इसकी जानकारी जेल प्रशासन ने प्रशासन को क्यों नहीं दी?

जेल मैन्युअल का पाया गया उल्लंघन

किसके निर्देश पर शहाबुद्दीन को सीवान लाया गया : मोदी

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाते हुए कहा है कि कानून के राज की दुहाई देनेवाले मुख्यमंत्री बताएं कि जब विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग सजायफ्ता पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन को भागलपुर जेल भेज दिया था, तो फिर किसके निर्देश पर सीवान लाया गया. जब प्रावधान है कि पांच साल से ज्यादा की सजा पाने वालों को केंद्रीय कारा में रखा जायेगा.

शहाबुद्दीन की पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से

शहाबुद्दीन की कोर्ट में पेशी अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जायेगी. इस मामले में गृह विभाग तैयारी कर रहा है. भागलपुर विशेष केंद्रीय कारा में शिफ्ट करने के बाद प्रत्येक तारीख में सीवान कोर्ट लाना संभव नहीं होगा. हर पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रखना बेहद समस्या और चुनौतीपूर्ण बात है. इसलिए पूर्व सांसद की तारीख पर पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने की तैयारी चल रही है.

शहाबुद्दीन के सात करीबी भी गया बक्सर व मोतिहारी जेल में शिफ्ट

सीवान : पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को भागलपुर जेल भेजने के दूसरे दिन शुक्रवार सीवान जेल से सात अन्य कैदियों को भी दूसरे जेलों में शिफ्ट किया गया. ये सातों कैदी शहाबुद्दीन के करीबी हैं और विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं.

गुरुवार की मध्य रात आइजी जेल का आदेश आने के बाद आनन-फानन में यह कार्रवाई की गयी. इनमें से तीन-तीन को बक्सर सेंट्रल जेल व मोतिहारी जेल भेजा गया है, जबकि एक को गया सेंट्रल जेल शिफ्ट किया गया है. इस कार्रवाई को पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड के साथ जोड़ कर देखा जा रहा है. जिला प्रशासन ने सीवान जेल में इन अभियुक्तों के रहने से कानून-व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका जतायी थी. इसकी रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए आइजी जेल ने चिह्नित अभियुक्तों को दूसरे जेलों में भेजने का आदेश जारी किया. इसके बाद जिला प्रशासन ने सातों कैदियों को तड़के साढ़े चार बजे यहां से संबंधित जेलों के लिए रवाना कर दिया.

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