सीवान : सोमवार को सीवान जिले के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड दर्ज हो गया. यह पहला मौका था जब एक साथ 50 दूल्हों की बरात निकली. न तो इसमें कोई धर्म की बंदिशें थीं और न ही जाति-पात का भेदभाव. गांधी मैदान से गाजे-बाजे के साथ निकली बरात शहर के विभिन्न मार्ग होते राजेन्द्र स्टेडियम पहुंची.
जहां देर रात तक शादी समारोह के अन्य कार्यक्रम चलते रहे. समाज में सामाजिक समरसता कायम करने के उद्देश्य से पहली बार जिले में आयोजित हो रहे सामूहिक समागम का शुभारंभ देर शाम गांधी मैदान से हुआ. बरात में शामिल फूलों से सजी बग्घी पर सवार दूल्हे आकर्षक छंटा बिखेर रहे थे.
कचहरी रोड पहुंच दुर्गा मंदिर पर दूल्हों ने मां दुर्गा का आशीर्वाद लिया. इसके बाद बरात जेपी चौक, हॉस्पिटल मोड़, बबुनिया मोड़, स्टेशन रोड होते हुए राजेन्द्र स्टेडियम पहुंची. जहां दुल्हन पक्ष के लोगों ने फूल-मालाओं से लाद बरातियों व अतिथियों का स्वागत किया. इसके बाद जयमाल व अन्य रस्मों का आयोजन हुआ. इस दौरान दूल्हों के घरों से आयी महिलाओं द्वारा मंगलगीत व आचार्यो के मंत्रों से पूरा वातावरण गूंजयमान था. पूरी रात मांगलिक कार्यक्रम चलता रहा.
सदस्य कृष्ण प्रताप सिंह व प्रो.नरोत्तम मिश्र ने बताया कि समाज में सामाजिक समरसता कायम करना मुख्य उद्देश्य है. समागम की ओर से वर-वधू को नवविवाहित जोड़ों को शादी के दौरान दी जाने वाली समस्त वस्तुएं उपलब्ध करायी जायेंगी. बरात में दुर्गा प्रताप सिंह उर्फ पप्पू, गुड्डू राय, योगेन्द्र कुमार व राजुकमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे.
45 पंडित व पांच मौलवियों ने करायी शादी
स्टेडिमय में आयोजित सामूहिक समागम ने एक साथ कई रिकॉर्ड बनाये. पहला 50 दूल्हों की एक साथ शादी होना, दूसरा 45 पंडित व 5 मौलवियों द्वारा इनकी शादी करायी जानी, तीसरा 50 नाइयों का एक साथ शामिल होना है. शहरवासियों की जुबान पर बस समागम में हो रही शादी की चर्चा थी.
सभी इस आयोजन को अद्भुत व अनोखा आयोजन बता रहे थे. उनका कहना था कि इस तरह के आयोजन से जिले में शांति व्यवस्था व आपसी भाईचारा कायम होगा. सामूहिक समागम के दौरान जब गांधी मैदान से 50 बग्घी पर जब दूल्हों की बरात निकली तो एक अनोखा नजारा देखने को मिला.
दो समुदाय के दो युवक एक ही बग्घी पर बैठे नजर आये. एक ने सेहरा बांध रखा था तो दूसरा हिंदू युवक ने टोपी पहन रखी थी. दोनों का एक साथ होना मानों यह संदेश दे रहा हो कि धर्म की बंदिशें तोड़ व जाति का भेदभाव मिटा कुछ इस तरह एक-दूसरे को गले लगाएं.
50 दूल्हों की शादी का गवाह बना स्टेडियम
वैसे तो राजेन्द्र स्टेडियम में कई बार इससे बड़े-बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों की रैलियां व सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल हैं. लेकिन यह स्टेडिमय के लिए पहला अवसर था जब एक साथ 50 दूल्हों की शादी हो रही थी. देर रात तक स्टेडियम मंगल गीतों से गूंजयमान रहा. इससे एक बार फिर जिले का राजेन्द्र स्टेडियम चर्चाओं में आ गया.