कल होगा नवरात्र का पारण
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सतुआनी के आगमन के साथ ही खरमास समाप्त
कल होगा नवरात्र का पारण महाराजगंज : खरमास 12 अप्रैल की रात में ही उतर गया. बुधवार के दिन के 12 बजे के बाद सतुआनी (मेष संक्रांति) का पुण्यकाल शुरू हुआ. बुधवार को प्रात: काल से ही स्नान -दान का सिलसिला शुरू हुआ. ज्योतिष शिरोमणि धनंजय दूबे का कहना है कि इसी के साथ नये […]
महाराजगंज : खरमास 12 अप्रैल की रात में ही उतर गया. बुधवार के दिन के 12 बजे के बाद सतुआनी (मेष संक्रांति) का पुण्यकाल शुरू हुआ. बुधवार को प्रात: काल से ही स्नान -दान का सिलसिला शुरू हुआ. ज्योतिष शिरोमणि धनंजय दूबे का कहना है कि इसी के साथ नये शक 1938 का आरंभ भी हुआ. इसके पहले नया संवत 2073 की शुरुआत हो चुकी है.
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, 13 अप्रैल की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ देने के साथ ही मेष संक्रांति व सतुआनी की शुरुआत हुई. चैती छठ का दूसरा अर्घ व सतुआनी बहुत दिनों के बाद एक साथ पड़ा है. यह संयोग श्रद्धालुओं के लिए फलदायक माना गया है.
सृष्टि का आरंभ दिन है मेष संक्रांति :
ज्योतिषाचार्य श्री दूबे का कहना था कि मेष संक्रांति नव वर्ष का आरंभ दिन माना जाता है. इसे सौर वर्ष भी कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में सौर वर्ष से बहुत सारी गणनाएं मुहूर्त का विचार किया जाता है. मेष संक्रांति को सृष्टि का आरंभ दिन माना जाता है.
16 अप्रैल से गूंजेगी शहनाई :
इस वर्ष खरमास की समाप्ति के बाद शादी-विवाह शुरू हो जायेगा. अप्रैल में 16, 17, 18, 21, 22, 24, 27, 28, 29 को लग्न है. मई में 1 व 4, जून में 27 व 29, जुलाई में 1 , 8 , 10, 11, 13, व 14 को लग्न है.
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