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बकाया बिलों की वसूली में अब आयेगी तेजी

बकाया बिलों की वसूली में अब आयेगी तेजी एमडी ने बैठक कर अधिकारियों की तय की जवाबदेहीफोटो : 07- समीक्षा बैठक करते एमडी आर लक्ष्मणन व उपस्थित पदाधिकारी.सीवान . फीडर से प्राप्त कलेक्शन के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति की जवाबदेही तय कर दी गयी है. अब विभाग उपभोक्ताओं को ज्यादा छूट देने के […]

बकाया बिलों की वसूली में अब आयेगी तेजी एमडी ने बैठक कर अधिकारियों की तय की जवाबदेहीफोटो : 07- समीक्षा बैठक करते एमडी आर लक्ष्मणन व उपस्थित पदाधिकारी.सीवान . फीडर से प्राप्त कलेक्शन के अनुसार उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति की जवाबदेही तय कर दी गयी है. अब विभाग उपभोक्ताओं को ज्यादा छूट देने के मूड में नहीं है. सोमवार को नगर पर्षद के सभागार में नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के एमडी आर लक्ष्मणन ने बिजली विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्देश दिया. एमडी श्री लक्ष्मणन ने कहा कि रेवेन्यू के अनुसार ही फीडर से बिजली की आपूर्ति होनी चाहिए. मामलू हो कि वर्तमान समय में जिले में आठ करोड़ रुपये से अधिक राशि की बिजली की खपत हो रही है, जबिक बिजली बिल के रूप में 50 फीसदी राशि ही कलेक्ट हो पा रही है. इससे विभाग काफी चिंतित है. लगातार विभागीय प्रयास के बावजूद इसमें कोई खास इजाफा नहीं हो रहा है. रेवेन्यू कलेक्शन पर जोर देते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया. इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में वैसे उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटने पर विभाग बल देगा, जिसका बकाया 50 हजार रुपये से अधिक है. विभाग ने ऐसे एक हजार उपभोक्ताओं को लक्षित किया है. मीटर रिडिंग में लगातार मिल रही गड़बड़ी की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए विभाग के वरीय पदाधिकारी को फटकार लगायी. साथ ही शत-प्रतिशत मीटर रिडिंग को भी लक्षित करने का निर्देश दिया. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत प्रदान किये जाने वाले तीन लाख कनेक्शन के एवज में मात्र 35 हजार ही कनेक्शन देने पर भी कड़ा एतराज जताया तथा इस लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया. वहीं कमर्शियल व इंड्रस्टियल उपभोक्ताओं के मीटर रिडिंग के लक्ष्य को शत-प्रतिशत करने को कहा. ताकि समय रहते इन पर कार्रवाई की जा सके. वहीं जनवरी माह के अंतिम सप्ताह तक वैसे उपभोक्ताओं की बिलिंग का निर्देश दिया, जिन्हें कनेक्शन तो प्राप्त हो गया है, लेकिन अभी तक विभाग की तरफ से बिल आवंटन नहीं किया गया है. समीक्षा बैठक के दौरान परियोजना के तहत कार्यरत वैसी कंपनियों के भुगतान बंद होंगे, जो गुणवत्ता से समझौता कर रहे हैं. कुछ दिन पूर्व एसटीएफ की टीम द्वारा परियोजना के तहत बन रहे फीडर सहित अन्य कामों की गुणवत्ता की जांच की गयी थी, जिसमें कई खामियां सामने आयी थीं. जांच के क्रम में एसटीएफ ने पाया था कि केबल तो तान दिया गया, लेकिन कनेक्शन नहीं प्रदान किया गया है. वहीं पोल गाड़ने के वक्त उसकी कंक्रिटिंग नहीं की गयी है. मौके पर निदेशक परियोजन एसकेपी सिंह, जीएम रेवेन्यु विकाश कुमार, हेड कमर्शियल एसके सिंह, अधीक्षण अभियंता केएन झा सहित विद्युत कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार रजक के अलावा जिले के सभी वरीय व कनीय पदाधिकारी मौजूद थे. इनसेटदो लाख से अधिक हैं बिजली के उपभोक्ता सीवान. वर्तमान समय में जिले में दो लाख 10 हजार से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं. जिले को 80 से 85 मेगा वाट बिजली का जरूरत है, जबकि इसे 40 से 45 मेगावाट बिजली ही प्राप्त हो रही है. इसके अलावा प्रत्येक माह आठ करोड़ से अधिक बिजली की खपत जिले में है, जबकि कलेक्शन 50 फीसदी के आस-पास है. ऐसे में विभाग को प्रत्येक माह चार करोड़ से अधिक का कलेक्शन नहीं होना, विभाग के लिए चिंता का विषय है. इधर, नार्थ बिहार पावर ड्रिस्ट्रीब्युसन कंपनी लिमिटेड द्वारा 500 करोड़ रुपये का निवेश जिले में बिजली के विकास के लिए किया गया है, लेकिन प्राप्त हो रहे कलेक्शन को देख कर विभाग के वरीय पदाधिकारियों की भौंहे तनी हुई हैं और इनके ऊपर कलेक्शन का दबाव लगातार बढ़ रहा है. वहीं दूसरी ओर बिजली बिल में लगातार गड़बड़ी होने से भी कलेक्शन प्रभावित हो रहा है और उपभोक्ता विभाग का चक्कर लगा कर परेशान हो रहे हैं.

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