सीवान : पीएचइडी के मानक व मॉडल के अनुसार शौचालय निर्माण नहीं होने के कारण आम तौर पर निर्माण के कुछ दिनों बाद ही शौचालय का ध्वस्त व बेकार होना आम समस्या है.
इससे सरकारी धन का नुकसान तो होता ही है, स्वच्छता अभियान पर भी विपरीत असर पड़ता है. आज भी ग्रामीण स्तर पर बड़ी आबादी खुले में शौच करने को विवश है. सरकारी स्तर पर करोड़ों व्यय होने के बाद भी स्वच्छता अभियान मजाक बन कर रह गया है.क्या है योजना : पीएचइडी जिलास्तर पर चयनित व इच्छुक राज मिस्त्री को पीएचइडी मॉडल शौचालय निर्माण की ट्रेनिंग देगा. इसके अंतर्गत मॉडल के अनुसार कैसे शौचालय का निर्माण करना है,
ताकि वह मजबूत, स्थायी व टिकाऊ हो. इसकी जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी. इससे लागत के अंतर्गत गरीब अपने शौचालय का निर्माण कर सकें व उसका समुचित उपयोग भी कर सकें. प्रखंड संयोजकों को सूची तैयार कर जिलास्तर पर समर्पित करनी है, ताकि चयनित राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षित किया जा सके. यह प्रशिक्षण नि:शुल्क होगा और प्रशिक्षण अवधि में रहने व खाने की व्यवस्था भी विभाग द्वारा ही की जायेगी. साथ ही प्रशिक्षण अवधि की क्षतिपूर्ति राशि भी राज मिस्त्रियों को दी जायेगी. हालांकि विभाग द्वारा राशि का निर्धारण अभी नहीं किया गया है.
क्या थी समस्या : सरकार द्वारा भारत स्वच्छता मिशन के अंतर्गत सबको शौचालय योजना चलायी जा रही है, लेकिन उचित निर्माण व मॉडल के अनुसार निर्माण न करा कर जैसे-तैसे शौचालयों का निर्माण कराया जाता था. इससे कुछ ही महीनों में शौचालय के ध्वस्त हो जाने की शिकायतें आम थीं और यह योजना लगभग दिखावा बन कर रह गयी थी.
सही ढंग से शौचालय निर्माण नहीं होने के कारण प्रशिक्षित मिस्त्री का अभाव भी एक बड़ा कारण था, जिसके कारण लाभुक जैसे-तैसे अपना शौचालय बनवाने को विवश थे.
क्या होगा फायदा : विभाग द्वारा शौचालय निर्माण के लिए राज मिस्त्री को प्रशिक्षित किये जाने से अब लोग प्रशिक्षित मिस्त्री से अपने शौचालय का निर्माण करा सकेंगे, जिससे शौचालय का निर्माण मॉडल के अनुसार भली-भांति हो सकेगा, जिससे यह मजबूत व टिकाऊ होगा और लोग इसका समुचित उपयोग कर सकेंगे. इससे खुले में शौच से मुक्ति मिलेगी और स्वच्छ भारत के सपने की और आगे बढ़ाया जा सकेगा. अब तो शहरी क्षेत्र में भी इस योजना के अंतर्गत गरीबों के शौचालय का निर्माण किया जाना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
विभाग द्वारा राजमिस्त्री को प्रशिक्षित किया जाना है, जिससे अब मॉडल के अनुसार मजबूत शौचालय का निर्माण हो सकेगा. पहले मॉडल के अनुरूप निर्माण नहीं होने से यह योजना सफल नहीं हाे पा रही थी. अब इस समस्या से निजात मिलेगी व स्वच्छता अभियान को भी गति मिलेगी.
इ सुरेश प्रसाद सूर, कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, सीवान