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मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है नया बाजार मुहल्ला

मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है नया बाजार मुहल्ला स्वच्छता अभियान काे मुंह चिढ़ा रहा 50 परिवारों के लिए पीने के शुद्ध पानी की भी व्यवस्था नहीं सड़क किनारे शौच को मजबूर हैं दलित परिवार फोटो- 14 दलित बस्ती व फोटो- 16 मुहल्ले में लगा कचरे का अंबार. इंट्रो:- एक तरफ सरकार जोर-शोर से स्वच्छता […]

मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर है नया बाजार मुहल्ला स्वच्छता अभियान काे मुंह चिढ़ा रहा 50 परिवारों के लिए पीने के शुद्ध पानी की भी व्यवस्था नहीं सड़क किनारे शौच को मजबूर हैं दलित परिवार फोटो- 14 दलित बस्ती व फोटो- 16 मुहल्ले में लगा कचरे का अंबार. इंट्रो:- एक तरफ सरकार जोर-शोर से स्वच्छता अभियान चलाने का दावा करती है, लेकिन यह दावे हकीकत से दूर नजर आते हैं. नगर के गांधी मैदान के नजदीक नया बाजार मुहल्ले में रहनेवाले महादलित परिवार आज भी मौलिक सुविधाओं से कोसों दूर हैं. न तो उन्हें अब तक अपना आवास ही मिल सका है. जैसे- तैसे अपने फूस के घरों में रहनेवाले करीब 50 परिवारों के लिए मौलिक सुविधाओं का भारी अभाव है. यह महादलित उत्थान की बात करने वाली सरकार व स्वच्छ सीवान व सुंदर सीवान का दावा करने वाले नगर पर्षद के दावों पर सवाल खड़े कर रहा है. संवाददाता, सीवाननगर के प्रसिद्ध गांधी मैदान से सटी इस दलित बस्ती में करीब 50 परिवार रहते हैं और मात्र दो घरों में ही शौचालय की व्यवस्था है. ऐसी स्थिति में बड़ी आबादी सड़क किनारे ही शौच करने को मजबूर है. बार-बार की घोषणा के बावजूद अब तक एक अदद शौचालय नगर पर्षद की ओर से नहीं बन सका. साथ ही इस मुहल्ले के नाले भी जहां-तहां टूटे हुए हैं. बरसात में तो यहां की स्थिति और भी नारकीय हो जाती है. रास्ते पर शौच के कारण सड़क से आने-जाने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है और मुहल्ले में भी संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहती है. जन वितरण प्रणाली का भी नहीं मिलता लाभ : नया बाजार मुहल्ले में रहनेवाले लोगों को जन वितरण प्रणाली का भी लाभ नहीं मिल पाता है. 50 परिवारों में मात्र आधा दर्जन परिवारों का ही राशन कार्ड बना है. साथ ही इस मुहल्ले के किसी का भी जन-धन योजना के तहत खाता नहीं खुल पाया है. वाटर सप्लाइ की भी नहीं है व्यवस्था : दलित बस्ती के 50 परिवारों के लिए पीने के शुद्ध पानी की भी व्यवस्था नहीं है. मुहल्ले के तीन-चार हैंड पंपों के सहारे इनका काम चलता है. पीएचइडी द्वारा यहां वाटर सप्लाइ की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन समय से पानी की सप्लाइ नहीं हो पाती है. इससे लोगों को काफी परेशानी होती है. अब वाटर सप्लाइ का काम नगर पर्षद के जिम्मे है. स्लम आवास का सपना रह गया अधूरा : नगर पर्षद क्षेत्र के स्लमवासियों का अपना आवास का सपना अधूरा रह गया है. मुहल्ले के शिव पूजन राम कहते हैं कि गांव में तो इंदिरा आवास का लाभ मिलता है, लेकिन शहर के लिए आवास योजना तो मजाक बन कर रह गयी है. एक दशक से हमलोग इसका सपना देख रहे हैं. नाम के लिए कई बार सर्वेक्षण हुए लेकिन कुछ नहीं हुआ. वहीं कोकिल मांझी का कहना है कि स्लम बस्तियों में नाला, शौचालय, बिजली आदि की व्यवस्था भी घोषणा बन कर ही रह गयी है. अब तो हमारा विश्वास भी उठने लगा है. अब लगता है कि यह सिर्फ घोषणा है. हमारी स्थिति से व्यवस्था का कोई लेना-देना नहीं है. क्या कहते हैं इओ स्लम बस्ती की मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए कार्य कराया जा रहा है और स्लम आवास के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव व योजना स्वीकृत हो चुकी है. आवंटन मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जायेगा. आरके लाल, नगर कार्यपालक पदाधिकारी, सीवान एक नजर सीवान नगर परकुल वार्डों की संख्या-38 कुल जनसंख्या-2.5 लाख स्लम बस्ती-16

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