सीवान : 18 दिनों पूर्व व्यवसायी हरिशंकर सिंह के अपहरण को लेकर लगाये जा रहे कयास को आखिरकार बुधवार की सुबह शव की बरामदगी के बाद विराम लग गया. हरिशंकर की हत्या कर शव को तीन टुकड़ों में दफन कर देने की घटना कई सवाल खड़े कर रही है. घटना को आखिर इतनी जघन्यता से अंजाम देने के पीछे बदमाशों के आक्रोश का कारण क्या था.
घटना को चचेरे भाई के साथ आखिर उसके दोस्तों ने अंजाम देने में क्यों मदद की. जिले के अलग-अलग चार थाना क्षेत्रों के बदमाशों की संलिप्तता घटना के पीछे गिरोहबंद अपराध को अंजाम देने की नीयत को लेकर अलग-अलग सवाल खड़े कर रहे हैं, जिसके राज से परदा उठने का लोगों को इंतजार है.
जेल मे हुई थी पप्पू से अरविंद और झुलन की मुलाकात : हरि शंकर के अपहरण व हत्या की घटना को अंजाम देने वाले झुलन सिंह व अरविंद सिंह से पप्पू की दोस्ती मंडल कारा सीवान में हुई थी. ये दोनों लूटकांड के एक मामले में जेल में बंद थे. बाद इन तीनों में गहरी दोस्ती हो गयी .
हरि शंकर के चचेरे भाई पप्पू ने इन दोेनों के साथ मिल कर ही घटना के स्क्रीप्ट को तैयार किया था. फिर भी प्रश्न उठता है कि हरि शंकर के इतने जघन्य तरीके क्यों मारा गया.
जमीन विवाद की बात भी आ रही सामने: जीवी नगर स्थित हरि शंकर के पैतृक गांव सकरा में पप्पू और हरि शंकर के परिवार के बीच जमीन विवाद बताया जाता है. हालांकि हरि शंकर का परिवार काफी वर्षों से पचरुखी बाजार पर ही रहता है. लेकिन गांव में भी उनका मकान है. उससे होकर ही पप्पू के घर का रास्ता है, जिसको लेकर ही दोनों परिवारों में विवाद रहा है. लेकिन हरि शंकर का परिवार अब तब इस बात से इनकार करता रहा है.
यहां यह भी बता दें कि घटना के तुरंत बाद पप्पू अपने चाचा अर्थात हरि शंकर के पिता शर्मा नंद सिंह के घर पहुंच अपहरण मामले में पूरी तरह परिवार के साथ रहा. ताकि किसी को शक न हो सके.
पहले पुलिस को था मुन्नू पर शक : अपहरण के बाद से ही पुलिस इसे फिरौती के लिए अपहरण की घटना मान कर चल रही थी और इसी दिशा में पुलिस भी कार्रवाई कर रही थी. लेकिन फिरौती की डिमांड नहीं होने और सफलता नहीं मिलने पर पुलिस की जांच तीन दिन पहले अलग दिशा में भी शुरू हुई. फिर मुन्नू सिंह पर पहले शक हुआ फिर इस बात की भनक मिलने और इसके गायब होने पर शक की सूई और गहरी हो गयी. बुधवार की अहले सुबह एक साथ अपने-अपने घर से झुलन और पप्पू की गिरफ्तारी से राज खुलने लगा. पप्पू ने पहले घटना में शामिल होने से इनकार किया, लेकिन पुलिस की दबिश के बाद मामला धीरे-धीरे खुलने लगा.
सदर अस्पताल में हुआ पोस्टमार्टम : हरि शंकर का क्षत-विछत शव डुमरा से बरामद कर सदर अस्पताल लाया गया. जहां कड़ी सुरक्षा के बीच शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया.गड्ढे से लगभग सड़ा हुआ और नैकेड शव बरामद हुआ था, पहचान छुपाने के लिए शरीर से कपड़ा भी हटा दिया गया था. वहीं करीब छह फुट गड्ढे में तीन टुकड़ाें में शव को दफना दिया गया था.
सभी पहलुओं पर जांच जारी: हरि शंकर की हत्या के कारणों के खुलासे में पुलिस लगी है और एक दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. हत्या में शामिल लोगों की पहचान के बाद अब इसके कारण की तह में पुलिस पहुंचना चाह रही है कि आखिर चार थाना क्षेत्रों के बादमाशों ने मिल की इस हाइ प्रोफाइल घटना को अंजाम दिया. अपहरण की रात ही हरि शंकर की हत्या और उसके तरीके को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं.