13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

त्योहार आते ही मिठाई में मिलावट का खेल हुआ शुरू

त्योहार आते ही मिठाई में मिलावट का खेल हुआ शुरू दीपावली की खुशियों के साथ सेहत का रखें ख्याल जांच के नाम पर विभाग करता है खानापूर्तिफूड इंस्पेक्टर के नहीं होने से त्योहार के मौसम में दुकानों की नहीं हो रही है जांच फोटो 03- मिठाई से सजी दुकान.सीवान. दीपावली व छठ त्योहार आते ही […]

त्योहार आते ही मिठाई में मिलावट का खेल हुआ शुरू दीपावली की खुशियों के साथ सेहत का रखें ख्याल जांच के नाम पर विभाग करता है खानापूर्तिफूड इंस्पेक्टर के नहीं होने से त्योहार के मौसम में दुकानों की नहीं हो रही है जांच फोटो 03- मिठाई से सजी दुकान.सीवान. दीपावली व छठ त्योहार आते ही बड़ी मात्रा में मिठाई की खपत होने लगती है. एक अनुमान के मुताबिक केवल सीवान शहर में एक करोड़ से अधिक की मिठाई की बिक्री हो जाती है. ऐसे में इतनी बड़ी मात्रा में मिठाई की खपत के कारण मानक के अनुरूप मिठाई नहीं बन पाती है. मिठाई में मिलावट की आशंका को देखते हुए जांच करने के लिए सीवान में फूड इंस्पेक्टर की तैनाती की जाती है, लेकिन अतिरिक्त प्रभार में फूड इंस्पेक्टर के रहने के कारण इधर कुछ पर्वों में मिठाई दुकानों की जांच नहीं हो पा रही है, जिससे मिठाइयों में मिलावट का काम तेजी से बढ़ा है. मिठाई में रासायनिक केमिकल, यूरिया, डिटरजेंट पाउडर आदि मिलाने की शिकायतें खोआ की मिठाइयों में मिल रही हैं. अगर समय पर जांच की जाये, तो अधिकतर मिठाई दुकानों में अच्छी क्वालिटी की मिठाई नहीं मिलेगी. क्या है जांच की प्रक्रिया : फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि हमलोगों को शिकायत मिलने पर और त्योहार के समय शहर की प्रमुख दुकानों से मिठाई का नमूना लेकर टेस्ट के लिए कोलकाता के एसके मित्रा लेबोरेट्री भेज देते हैं. वैसे अमूमन एक महीने में जांच रिपोर्ट आ जाती है. लेबोरेटरी खाद्य पदार्थ की जांच फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड द्वारा बनाये गये मानक पर करती है. इसमें खास कर केमिकल, स्टार्च, रंग व तेल आदि की जांच की जाती है. फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि विभाग के द्वारा जो भी कार्रवाई की जाती है, उसकी रिपोर्ट प्रत्येक महीने पटना में होने वाले खाद्य संरक्षा कमिश्नर की बैठक में रखी जाती है. चुनाव के कारण दो महीने से मिटिंग नहीं हो पा रही थी, लेकिन त्योहारों को देखते हुए इस पर कार्रवाई तेज कर दी गयी है. क्या है नियम : फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अधिनियम के मुताबिक मिलावट करनेवाले दुकानदारों के खिलाफ एक लाख से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा छह महीने का कारावास भी हो सकता है. इंस्पेक्टर ने बताया कि दंड का प्रावधान हमलोग नहीं करते हैं. एडीएम कोर्ट और एडीजे कोर्ट में ही सजा तय होती है. क्या कहते हैं चिकित्सक मिलावटी मिठाई खाने से लोगों की किडनी खराब हो सकती है. साथ ही लिवर पर भी प्रभाव पड़ता है. यही नहीं लोग गैस, वोमेटिंग, पेट में दर्द, पीलिया आदि का शिकार हो जाते हैं. साथ ही बच्चों का ग्रोथ कम हो जाता है और साथ ही शरीर में दाना- फुंसी निकलना शुरू हो जाता है. इसके लिए लोगों को अच्छी क्वालिटी की मिठाई खानी चाहिए. अगर मिठाई में किसी प्रकार की शिकायत हो, तो उसे नहीं खाना चाहिए. डॉ के एहतेशाम अहमद, चिकित्सा पदाधिकारी, सदर अस्पताल मिलावटी मिठाई खाने से दांत खराब होने लगते हैं. ऐसी मिठाई के प्रयोग से बचना चाहिए. क्योंकि उसके एसिड से दांत खराब होने लगते हैं. डॉ संजीव कुमार, दंत चिकित्सक क्या कहते हैं अधिकारीशिकायत मिलने पर दुकानों में मिठाई की जांच के लिए सैंपल लिया जाता है. लेकिन कई जिलों के प्रभार होने के कारण इधर कुछ माह से जांच नहीं हो पा रही है. अभी पटना में जांच चल रही है. यहां भी जांच का कार्य शुरू कर दिया जायेगा.तपेश्वरी सिंह, फूड इंस्पेक्टर, सीवान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें