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चंदा लगा कर पढ़ते हैं वर्ग नवम व दशम के छात्र

चंदा लगा कर पढ़ते हैं वर्ग नवम व दशम के छात्र विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या है 938प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित दो शिक्षक हैं पदस्थापितडीएम से लेकर बीइओ तक दिया जा चुका है पत्र मामला गोरेयाकोठी प्रखंड के तपी प्रसाद उच्च विद्यालय भिट्ठी कागोरेयाकोठी/सीवान. बड़ी उम्मीद के साथ छात्रों ने विद्यालय में नामांकन लिया था, […]

चंदा लगा कर पढ़ते हैं वर्ग नवम व दशम के छात्र विद्यालय में नामांकित छात्रों की संख्या है 938प्रभारी प्रधानाध्यापक सहित दो शिक्षक हैं पदस्थापितडीएम से लेकर बीइओ तक दिया जा चुका है पत्र मामला गोरेयाकोठी प्रखंड के तपी प्रसाद उच्च विद्यालय भिट्ठी कागोरेयाकोठी/सीवान. बड़ी उम्मीद के साथ छात्रों ने विद्यालय में नामांकन लिया था, पर उनके मंसूबों पर तब पानी फिर गया, जब उन्हें पता चला कि विद्यालय में पढ़ाने के लिए मात्र दो ही शिक्षक हैं. अपने भविष्य के प्रति चिंतित इन छात्रों ने हिम्मत नहीं हारी और 10-10 रुपया चंदा लगा कर विकल्प के रूप में दो शिक्षकों की व्यवस्था की, जिसमें एक अंगरेजी व दूसरे गणित विषय के शिक्षक हैं. मामला गोरेयाकोठी प्रखंड के तपी प्रसाद उच्च विद्यालय भिट्ठी का है. 938 छात्रों वाले इस विद्यालय में शिक्षकों की संख्या मात्र दो है, जिसमें एक प्रभारी प्रधानाध्यापक व दूसरे सामाजिक विज्ञान के शिक्षक हैं. विभाग के छात्र शिक्षक अनुपात 40:1 के दावे की पोल खोलते इस विद्यालय में वर्ग नवम व दशम की पढ़ाई होती है. वर्तमान समय में इस विद्यालय में छात्र शिक्षक अनुपात 469:1 है. सभी संसाधनों से परिपूर्ण इस विद्यालय में हाल ही में हुए नियोजन के बाद एक भी शिक्षक की व्यवस्था विभाग द्वारा नहीं की जा सकी है. उल्टे वर्ष 2014 में एक साथ चार शिक्षकों का स्थानांतरण भी कर दिया गया. छात्रों के भविष्य के प्रति चिंतित व अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते विद्यालय प्रशासन द्वारा दो शिफ्टों में विद्यालय का संचालन किया जाता है. सुबह के संचालन में सिर्फ वर्ग नवम के छात्र पढ़ने आते हैं,जबकि दोपहर में संचालित होने वाले दूसरी शिफ्ट में वर्ग दशम के छात्र पढ़ते हैं. मौजूदा शिक्षकों में प्रभारी प्रधानाध्यापक कृष्ण कांत तिवारी संस्कृत विषय तो दूसरे शिक्षक धर्म नाथ मांझी सामाजिक विज्ञान विषय को पढ़ाते हैं. वर्तमान परिवेश से जब छात्रों ने अपनी तुलना की, तो वे अन्य के मुकाबले काफी पिछड़ते देख खुद ही शिक्षकों की व्यवस्था की कमान संभाली. इसके लिए छात्रों ने 10-10 रुपया चंदा लगा कर दो शिक्षकों की व्यवस्था की, जो अंगरेजी व गणित विषय को पढ़ाते हैं. क्या कहते हैं छात्रविज्ञान और अंगरेजी विषय के शिक्षक नहीं होने के कारण हम छात्रों ने चंदा लगा कर बाहर से शिक्षक मंगाने का फैसला किया. वर्तमान में दो शिक्षक हैं जो जिनमें एक अंगरेजी व दूसरे गणित विषय को पढ़ाते हैं.अभिषेक कुमारकभी-कभी किसी बैठक में प्रभारी प्रधानाध्यापक के चले जाने से स्थिति और खराब हो जाती हैं. हम छात्र चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं. ऐसे में हमें काफी नुकसान उठाना पड़ता है.अतुल कुमारबड़ी आशा के साथ विद्यालय में नामांकन कराया था, लेकिन विषयवार पढ़ाई नहीं होने के कारण मन में क्षुब्धता रहती है. विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए. माला कुमारीहमारे यहां खेल का मैदान हैं. सभी सामान हैं, लेकिन खेल के शिक्षक नहीं हाने के कारण सामग्री का कोई महत्व नहीं रह जाता हैं. कम-से-कम दूसरे विद्यालय से भी सप्ताह में एक बार शिक्षक की व्यवस्था विभाग को करनी चाहिए. शिल्पी कुमारीक्या कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापकविद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है. छात्रों की बड़ी तादात है. ऐसी स्थिति में जिलाधिकारी,उपविकास आयुक्त,जिला शिक्षा पदाधिकारी,डीपीओ स्थापना व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कई बार जानकारी पत्र के माध्यम से दी गयी है. वहीं दूसरी ओर छात्रों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए विद्यालय का संचालन दो शिफ्टों में किया जाता है.कृष्ण कांत तिवारी,प्रभारी प्रधानाध्यापक

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