23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विकास के नाही इहां जात-पात के बा चर्चा

विकास के नाही इहां जात-पात के बा चर्चा फोटो-04मतदाता भी चाहते हैं कि जाति धर्म नहीं विकास की ओर ले जाने वाली सरकार चाहिएइलेक्शन लोकल- मैरवा-दरौंदाप्रभात खबर इलेक्शन लोकल से चुनावी माहौल की कहानी आप तक पहुंचा रहा है.आज चर्चा मैरवा से दरौंदा तक यात्रा की. रिपोर्ट जितेंद्र उपाध्याय की.बुधवार को मैरवा रेलवे स्टेशन पर […]

विकास के नाही इहां जात-पात के बा चर्चा फोटो-04मतदाता भी चाहते हैं कि जाति धर्म नहीं विकास की ओर ले जाने वाली सरकार चाहिएइलेक्शन लोकल- मैरवा-दरौंदाप्रभात खबर इलेक्शन लोकल से चुनावी माहौल की कहानी आप तक पहुंचा रहा है.आज चर्चा मैरवा से दरौंदा तक यात्रा की. रिपोर्ट जितेंद्र उपाध्याय की.बुधवार को मैरवा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ लगी थी. इस बीच 55020 डाउन गोरखपुर-छपरा पैसेंजर ट्रेन के आने का ज्योंही सिगनल हुआ, तो यात्रियों की भाग-भाग तेज हो गयी. सिगनल होने के ठीक दस मिनट बाद 12.45 बजे ट्रेन प्लेटफाॅर्म नंबर दो पर खड़ी हो गयी. ट्रेन में सीट हासिल करने की बेचैनी इस कदर थी कि यात्री अभी उतरे भी नहीं थे कि चढ़ने की होड़ मच गयी. धक्का-मुक्की में पीछे से मैं भी चढ़ लिया व खिड़की के बगल की सीट पर जा बैठा. सामने बर्थ पर 50 वर्ष की एक महिला लेटी थी.पता चला कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से डायलिसिस करा कर लौट रही हैं. जीरादेई के रेपुरा गांव की इस मरीज के बेटे शिवेंद्र सिंह ने कहा कि किडनी में इन्फेक्शन है. यहां कोई इलाज की सुविधा न होने से गोरखपुर ही हर माह ले जाना होता है. यह सुनकर अन्य यात्रियों की भी नजर उस महिला पर जा टिकी. इस बीच सीवान तक की यात्रा कर रहे मैरवा के बभनौली निवासी सूरज प्रसाद कह पड़े, चुनाव में नेता लोग आपन-आपन जाति के दुहार्द दे के वोट मांगता, रोग-मरज के इलाज के इंतजाम के चिंता केहु नेता के नईखे. इसके बाद अचानक यहां चुनावी चर्चा शुरू हो गयी. खिड़की के बगल मेेंं सिंगल सीट पर बैठे सीवान के दक्षिण टोला निवासी चंद्रिका प्रसाद कह पड़े, चुनाव में कोई मुद्दा नहीं है. हर तरफ जाति का ही चर्चा है .इसी को आधार बना कर प्रत्याशी अपने जीत का आकलन करने में जुटे हैं, जिसका असर मतदाताओं पर भी दिख रहा है. यह बातें चल ही रही थी कि ट्रेन करछुई हॉल्ट पर जा रुकी. यहां चढ़ने व उतरने वाले यात्रियों की चंद संख्या रही. एक मिनट रुकने के बाद ट्रेन फिर चल पड़ी और इसी के साथ ही चुनावी चर्चा भी ट्रेन की बढ़ती स्पीड के साथ ही तेज होने लगी. सबकी बात ध्यान से सुन रहे 20 वर्षीय दरौली निवासी सरोज पांडे भी चुनावी चर्चा में शामिल हो गया. सीवान में हर दिन कोचिंग करने आने की बात बताते हुए सरोज ने कहा कि बिहार में तेजी से बदलाव आया है. शिक्षा का माहौल भी पहले से बेहतर हुआ है. सिविल सर्विसेज से लेकर अन्य कमीशन की तैयारी करने वाले व सफल होने वाले छात्रों की संख्या बढ़ी है.युवा जाति नहीं विकास के नाम पर वोट करेगा.चुनावी चर्चा आगे बढ़ते हुए सीटों के समीकरण पर शुरू हो गयी.सीवान जिले की आठ सीटों में से अधिकतर पर महागंठबंधन व राजग की सीधी टक्कर तो कई सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष की बात लोग कर रहे थे.रघुनाथपुर के रहनेवाले संग्राम सिंह कहने लगे कि अभी कौनों स्थिति साफ नईखे.अगले तीन-चार दिनों बाद जब नेता जी लोग के उड़नखटोला उतरे लागी, तब चुनावी बयार भी तेज होई. वोट के दो-तीन दिन पहिले ले माहौल बनत-बिगड़त रहेला. पैसेंजर ट्रेन अपने अगले स्टॉपेज जीरादेई स्टेशन पर जा रुकी.यहां उतरने के बजाय चढ़नेवाले यात्रियों की संख्या अधिक थी.सामने की बर्थ पर लेटी हुई महिला मरीज भी यहीं उतर गयीं.उनके हटने पर यहां जगह खाली होते ही और पांच यात्री यहां पर आ बैठे और ये भी पहले से चली आ रही चुनावी चर्चा में शामिल हो गये.जीरादेई विधानसभा क्षेत्र के सुरवल निवासी सुरेंद्र प्रसाद को इस बात का सबसे अधिक अफसोस था कि प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद का गांव व इलाका भी विकास से ओझल है.यहां से प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं को क्षेत्र से अधिक अपनों की ज्यादा चिंता रही है.इस बार लोग बदलाव का मन बना चुके हैं.अब ट्रेन सीवान जंकशन पर प्लेटफाॅर्म नंबर एक पर खड़ी होती है.यहां उतरने व चढ़ने वाले यात्रियों की संख्या लगभग बराबर ही रहती है. यहां ट्रेन तकरीबन पांच मिनट रुकने के बाद आगे चल पड़ती है. सीवान से एक युवक हाथ में अखबार लिए मेरे बगल में बैठ जाता है. उसे अखबार पढ़ते देख दराैंदा निवासी अमरेश तिवारी अखबार के पहले पन्ने पर एक फिल्म स्टार की चुनावी सभा में भगदड़ की खबर पर नजर दौड़ाते हुए कह पड़ते हैं,अब राजनीतिक दलों को चुनावी सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए फिल्म स्टारों का ही भरोसा है.नेताओं से जनता का विश्वास कम होगा, तो उन्हें सुनने कौन जायेगा. ट्रेन अब पचरुखी रेलवे स्टेशन खड़ी होती है और एक मिनट बाद चल पड़ती है.लेकिन चुनावी चर्चा जारी रहती है.दरौंदा रेलवे स्टेशन तक ट्रेन पहुंचने में दस मिनट का वक्त लगा.चुनावी चर्चा इस कदर रही कि मैरवा से दरौंदा का सफर डेढ़ घंटा का कब गुजर गया,पता ही नहीं चला.चर्चा को सुन यह बात साफ दिखी कि लोकतंत्र के इस पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह है.मतदाता भी चाहते हैं कि जाति धर्म नहीं विकास की ओर ले जाने वाली सरकार चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें