नियोजित शिक्षकों का मानदेय विगत पांच माह से है लंबितसीवान. एक तरफ सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात कर रही है. दूसरी ओर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के सूत्रधार शिक्षक ों की उपेक्षा करने से भी बाज नहीं आ रही हैं. पांच माह से शिक्षकों के सामने मानदेय के अभाव में भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. शिक्षक आर्थिक तनाव से गुजर रहे हैं. इस स्थिति में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करना बेमानी है. विभागीय उदासीनता व सरकार की उपेक्षापूर्ण नीति के चलते नियोजित शिक्षकों का मानदेय विगत पांच माह से लंबित है. फरवरी माह से नियोजित शिक्षकों के मानदेय नहीं मिलने के कारण शिक्षक तेजी से कर्ज लेने को मजबूर हो रहे हैं. ऐसे में उन शिक्षकों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैै, जो शिक्षक जिले से बाहर के हैं. इतना ही नहीं, विभाग ने भी इन शिक्षक ों के साथ नाइंसाफी की गयी है. इधर, डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान राज कु मार ने बताया कि मानदेय सहित स्थापना से डिमांड के आधार पर मार्च तक के मानदेय के लिए 15 करोड़ सहित 24 करोड़ रुपये का डिमांड एसपीडी से किया गया है. दूसरी ओर अप्रैल से जून तक का 24 करोड़ का का डिमांड भी स्थापना से मिल चुका है, जिसे एसपीडी को भेज दिया गया है. इधर, मानदेय के संबंध में डीपीओ स्थापना एए खान ने बताया कि मानदेय के लिए डिमांड भेजा गया है.
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मानदेय नही मिलने से कर्जदार बन रहे शिक्षक
नियोजित शिक्षकों का मानदेय विगत पांच माह से है लंबितसीवान. एक तरफ सरकार गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की बात कर रही है. दूसरी ओर गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के सूत्रधार शिक्षक ों की उपेक्षा करने से भी बाज नहीं आ रही हैं. पांच माह से शिक्षकों के सामने मानदेय के अभाव में भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो […]
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