14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सरकारी नारा बन कर रह गया सौ दिन के रोजगार का अधिकार

सीवान : वर्ष भर में एक सौ दिन हर मजदूरों को रोजगार तथा काम न मिलने पर भत्ता देने का आदेश यहां कागजों तक ही सिमट कर रह गया है. बजट के आधार पर काम के बजाय, काम के आधार पर धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का मनरेगा जैसा कानून देश का पहला उदाहरण है. […]

सीवान : वर्ष भर में एक सौ दिन हर मजदूरों को रोजगार तथा काम न मिलने पर भत्ता देने का आदेश यहां कागजों तक ही सिमट कर रह गया है. बजट के आधार पर काम के बजाय, काम के आधार पर धन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का मनरेगा जैसा कानून देश का पहला उदाहरण है.
इसके चलते रोजगार को यहां कानूनी अधिकार बताया गया. लेकिन एक दशक के अंदर ही भारत सरकार की स्वर्णिम योजना अब फ्लॉप साबित होने लगी है.वर्ष में योजना की प्रगति इसकी दुर्दशा को बयां कर रही है.निर्धारित लक्ष्य से योजना 81 फीसदी पीछे रह गयी.
लक्ष्य से मात्र 18.9 फीसदी सृजित हुए मानव दिवस : मनरेगा के तहत वर्ष 2014-15 में 27 लाख 92 हजार 724 मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य रखा गया था,अर्थात इतनी संख्या में मजदूरों को एक दिन का काम उपलब्ध कराने का औसत तय किया गया, जबकि हकीकत यह है कि मात्र पांच लाख 28 हजार 933 मानव दिवस ही सृजित हो सके.यह आंकड़ा लक्ष्य का मात्र 18.9 फीसदी है.
41 फीसदी योजनाएं रह गयीं अधूरी : मनरेगा की खराब प्रगति का आकलन इससे भी किया जा सकता है कि वर्ष 2014-15 में लक्ष्य के सापेक्ष तकरीबन 41 प्रतिशत योजनाएं शुरू नहीं हो सकीं. 21 हजार 90 योजना की शुरुआत हुई थी, जिसमें से मात्र पांच हजार 313 योजनाएं पूरी हो सकी. ऐसे में पूर्ति का प्रतिशत 19 है. इसके अलावा 19 हजार 679 मास्टर रोल स्वीकृत हुए.
मात्र साढ़े 25 फीसदी महिलाओं को मिला कार्य : वर्ष भर में स्वीकृत मानव दिवस में से कुल 24.47 प्रतिशत महिलाओं को काम मिला, जिसमें 25.87 प्रतिशत अनुसूचित जाति व जनजाति महिलाओं को रोजगार मिला.आंकड़ों में देखें तो एक लाख 29 हजार 440 महिलाएं तथा एक लाख 36 हजार 836 अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाएं शामिल हैं.
रोजगार दिलाने में आगे रहा दरौंदा व पीछे रहा रघुनाथपुर: वर्ष 2014-15 में दरौंदा प्रखंड में एक लाख 14 हजार 964 कार्य दिवस सृजन का लक्ष्य था, जिसमें से 41 हजार 485 कार्य दिवस यहां सृजित हुए. यह लक्ष्य का 36.09 प्रतिशत है.यह आंकड़ा जिले के अन्य प्रखंडों से अधिक मानव दिवस सृजन का है.जबकि सबसे कम मानव दिवस का सृजन रघुनाथपुर प्रखंड में हुआ.यहां एक लाख 75 हजार 586 मानव दिवस सृजन का लक्ष्य था, जिसमें वर्ष में 10 हजार एक मानव दिवस सृजित हुए.यह संख्या लक्ष्य का 5.70 प्रतिशत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें