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सड़कों दिख रहीं वीरान

गरमी से हर कोई बेहाल है. चिलचिलाती धूप से लोगों की आह निकल रही है.आम आदमी से लेकर पशु-पक्षी तक सब बेहाल हैं. इसके बाद भी लोगों को मौसम से फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. ऐसे में हर कोई परेशानी से राहत के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने में लगा है. […]

गरमी से हर कोई बेहाल है. चिलचिलाती धूप से लोगों की आह निकल रही है.आम आदमी से लेकर पशु-पक्षी तक सब बेहाल हैं. इसके बाद भी लोगों को मौसम से फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है. ऐसे में हर कोई परेशानी से राहत के लिए वैकल्पिक इंतजाम करने में लगा है.
सीवान : मौसम की मार से हर कोई पस्त है. लोग घरों से आवश्यक कार्यवश ही निकल रहे हैं, जिसके चलते दिन के अधिकतर वक्त सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता है. मजबूरी में सड़क पर निकलने वाले लोग छाता, गमछा से सिर ढंक कर निकल रहे हैं, जिससे गरमी से राहत मिल सके.
वहीं चिकित्सकों की भी सलाह है कि घर से बाहर निकलते समय विशेष सावधानी बरतें.गरमी में शरीर से अधिक मात्र में पसीने के रूप में पानी निकलता है, ऐसे में अधिक-से-अधिक पानी का प्रयोग करें. इसके अलावा खान-पान पर भी विशेष सावधानी बरतें.
मौसम ने छीना फुटपाथी दुकानदारों का निवाला : मौसम की मार लोगों के पेट पर भी भारी पड़ रही है.फुटपाथ पर हर दिन दुकान सजा कर दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करनेवालों का मौसम ने निवाला छीन लिया है.
शहर के जेपी चौक पर हर दिन जूता-चप्पल की सिलाई कर दो वक्त का भोजन का इंतजाम करनेवाला रामप्रवेश निराश है. उसका कहना है कि पिछले एक सप्ताह से पचास रुपये की आय भी नहीं हो पा रही है. इससे घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. रामप्रवेश जैसे लोग अन्य भी हैं, जिनके सामने दो वक्त का खर्च उठाना भी भारी पड़ रहा है.
मौसम की मार से निबटने में अस्पताल फेल : मौसम ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है. इस मौसम में डायरिया,वायरल फीवर,टायफाइड, डिसेंट्री, त्वचा संबंधित रोग, एलर्जी, नेत्र संबंधित रोग , पीलिया समेत कई प्रकार की जल जनित बीमारियां होती हैं. इसके बाद भी इन बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है.
ग्रामीण अस्पताल की तो बात दूर है, सदर अस्पताल भी इन बीमारियों से निबटने के लिए तैयार नहीं है. अब तक हर वर्ष की तरह डायरिया वार्ड नहीं चालू हो सका है. इसके अलावा विशेष कर बीमार बच्चों के उपचार के लिए अधिकतर दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं है.
डायरिया समेत अधिकतर जीवन रक्षक दवाएं भी नदारद हैं. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एमके आलम दवा की कमी की बात स्वीकार करते हैं. उनका कहना है कि सिविल सजर्न के स्तर से दवा की उपलब्धता की कोशिश की जा रही है.अगले दो-तीन दिनों में डायरिया वार्ड चालू हो जायेगा.
गरमी में जारी है बिजली की आंख मिचौनी : गरमी की मार से राहत के लिए बिजली की मांग बढ़ गयी है. इसके बाद भी पर्याप्त आपूर्ति न होने के चलते लोग परेशान हैं.ग्रामीण क्षेत्र में औसतन छह घंटे तथा शहरी क्षेत्र में 14 घंटा बिजली की आपूर्ति हो रही है.
इसमें भी ओवर लोड के चलते ब्रेक डाउन के कारण आपूर्ति बाधित हो रही है.औसतन दस घंटे बिजली लोगों को मिल पा रही है.
बिजली की आंख- मिचौनी से हर कोई परेशान है. मौसम की मार जैसे-जैसे बढ़ती जा रही है, बिजली संकट भी गहराता जा रहा है.
बीते सप्ताह के तापमान पर एक नजर
18 मई-40 डिग्री सेल्सियस
19 मई-40 डिग्री सेल्सियस
20 मई-41 डिग्री सेल्सियस
21 मई-43 डिग्री सेल्सियस
22 मई-44 डिग्री सेल्सियस
23 मई-45 डिग्री सेल्सियस
आगामी एक सप्ताह के तापमान पर एक नजर
25 मई-45 डिग्री सेल्सियस
26 मई- 45 डिग्री सेल्सियस
27 मई- 44 डिग्री सेल्सियस
28 मई-45 डिग्री सेल्सियस
29 मई- 45 डिग्री सेल्सियस
30 मई- 46 डिग्री सेल्सियस

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