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बच्चों के भविष्य के प्रति अभिभावकों में बढ़ी चिंता
मामला मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट आने में हो रही देरी का सीवान : इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दिये छात्रों के अभिभावकों में रिजल्ट क ो लेकर चिंता बढ़ गयी है. वेतनमान की लड़ाई में शामिल माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के शिक्षकों द्वारा कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. […]
मामला मैट्रिक परीक्षा के रिजल्ट आने में हो रही देरी का
सीवान : इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा दिये छात्रों के अभिभावकों में रिजल्ट क ो लेकर चिंता बढ़ गयी है. वेतनमान की लड़ाई में शामिल माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के शिक्षकों द्वारा कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. अभिभावकों ने अपने बच्चों के भविष्य को लेकर जो सपना देखा था वह अब चूर होते दिख रहा है.
यदि मैट्रिक परीक्षा का परिणाम समय से नहीं आ पाता है, तो उन अभिभावकों को सबसे ज्यादा कष्ट होगा, जिन्होंने राज्य से बाहर किसी दूसरे संस्थान में अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का सपना देखा होगा. एक तरफ जहां शिक्षक वर्ग वेतनमान के लिए अड़ा है, वहीं अभिभावक प्रत्येक दिन हड़ताल टूटने का इंतजार कर रहे हैं.
इधर मूल्यांकन बहिष्कार व हड़ताल के कारण सूबे के 14 लाख बच्चों का भविष्य अधर में पड़ गया है. जिसमें 60 हजार से अधिक जिले के छात्र भी शामिल हैं. वहीं दो लाख के करीब कॉपियों का भी मूल्यांकन जिले में होना है. मालूम हो कि वेतनमान की लड़ाई को लेकर जिले सहित सूबे के माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के शिक्षक 15 अप्रैल से ही बहिष्कार पर हैं.
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