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जिले में अवैध रूप से चल रहे सैकड़ों विद्यालय
सीवान : मानक व नियमों को ताक पर रख कर जिले में सैकड़ों की संख्या में निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. जिस पर शिक्षा विभाग नकेल कसने में विफल है. इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अप्रैल माह में नये सत्र शुरू होने के साथ ही कुकुरमुत्ते की तरह […]
सीवान : मानक व नियमों को ताक पर रख कर जिले में सैकड़ों की संख्या में निजी विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है. जिस पर शिक्षा विभाग नकेल कसने में विफल है. इस कड़ी में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अप्रैल माह में नये सत्र शुरू होने के साथ ही कुकुरमुत्ते की तरह इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हो जाती है.
इन विद्यालयों के पास न तो मानक के अनुसार शिक्षक हैं और न ही कोई व्यवस्था. साथ ही ये विद्यालय शिक्षा के अधिकार का अनुपालन भी करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में इन विद्यालयों में गुणवतापूर्ण शिक्षा की बात करना, किसी कोरी कल्पना से कम नहीं होगा. सीबीएसइ पैटर्न का हवाला देकर ये विद्यालय एक तरफ जहां मनमाने तरीके से राशि वसूली का काम कर रहे हैं, वही मन चाहे प्रकाशन के पुस्तकों को ससमय परिवर्तन करते रहते हैं, जिससे उन्हें कमीशन के तौर पर मोटी रकम प्राप्त होती हैं.
जिस पर शिक्षा विभाग को कोई अधिकार नहीं हैं. इन विद्यालयों के पास विभाग के तरफ से कोई प्र-स्वीकृति प्राप्त नहीं हैं. जिससे वे नियम व कानून के दायरे से बाहर हैं. नये नियम के तहत जिन विद्यालयों को प्र-स्वीकृति नहीं मिल पाया हैं उनके किसी प्रमाण पत्र की मान्यता सरकारी विद्यालयों में नहीं होगी और न ही इन्हें टीसी जारी करने का अधिकार होगा और न ही इनके टीसी पर वर्ग नवम में नामांकन ही हो पायेगा.
इधर जिले में वर्ष 2011 से लेकर अब तक 497 विद्यालय शिक्षा विभाग से प्र-स्वीकृति के लिए आवेदन दिये हैं. जिसमें से अब तक मात्र 122 विद्यालयों को ही प्र-स्वीकृति दिया जा सका हैं. दूसरे अर्थो में विभाग के पास जिले में सैकड़ों की संख्या में संचालित निजी विद्यालयों में से मात्र 122 विद्यालयों का ही रिकार्ड मौजूद है. 375 अभी ऐसे विद्यालय हैं जो विभाग के आशीर्वाद की प्रतीक्षा में हैं.
क्या है प्र-स्वीकृति देने का नियम
शिक्षा विभाग द्वारा उन्हीं विद्यालयों को प्र- स्वीकृति देना है, जो किसी ट्रस्ट, एनजीओ व सोसाइटी से संबद्ध हैं. इसके साथ ही क ुछ और मानकों को ध्यान में रखना हैं. जिले के जिन 497 विद्यालयों द्वारा प्र-स्वीकृति के लिये आवेदन दिया गया है, उनमें से मात्र 220 विद्यालय ही ट्रस्ट, एनजीओ व सोसाइटी से संबद्ध है. शेष विद्यालयों को विभाग पुन: ट्रस्ट, एनजीओ व सोसाइटी से संबद्ध प्राप्त कर आवेदन करने को निर्देश दिया है. अभी भी 98 ऐसे विद्यालय हैं जो प्र-स्वीकृति की प्रतीक्षा में हैं नियमत: हैं.
नहीं कर रहे आरटीइ का अनुपालन
जिन विद्यालयों को प्र-स्वीकृति नहीं मिल सका हैं उनके आरटीइ के अनुपालन की जानकारी विभाग के पास नहीं है. प्र-स्वीकृति प्राप्त विद्यालयों को 25 प्रतिशत ऐसे छात्रों का नामांकन अनिवार्य है जो गरीबी रेखा के नीचे निवास करते हैं. सर्व शिक्षा अभियान द्वारा इन विद्यालयों की जानकारी यू-डायस प्रपत्र के माध्यम से केंद्र को भेज दिया जाता है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
आवेदन प्राप्त सभी निजी विद्यालयों के आवेदन का जांच किया जा रहा हैं. ट्रस्ट,एनजीओ व सोसाइटी से संबद्ध विद्यालयों को प्र-स्वीकृति देने का कार्य जारी हैं. ट्रस्ट,एनजीओ व सोसाइटी से असंबद्ध विद्यालयों से संबद्धता प्रमाण पत्र का मांग किया गया हैं. जल्द ही एक बैठक कर शेष बचें विद्यालयों को प्र-स्वीकृति दे दिया जायेगा.
महेश चंद्र पटेल
जिला शिक्षा पदाधिकारी, सीवान
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