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साइकिल व छात्रवृति राशि से दो हजार छात्र वंचित
मामला हुसैनगंज प्रखंड स्थित एमएस हाइस्कूल सह इंटर कॉलेज का सीवान : विद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण लगभग दो हजार से ज्यादा छात्र साइकिल, छात्रवृत्ति व पोशाक की राशि से वंचित रह गये. इतना ही नहीं विद्यालय प्रशासन द्वारा 32 लाख 80 हजार रुपये की राशि को बिना वितरण किये वापस […]
मामला हुसैनगंज प्रखंड स्थित एमएस हाइस्कूल सह इंटर कॉलेज का
सीवान : विद्यालय प्रशासन व जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण लगभग दो हजार से ज्यादा छात्र साइकिल, छात्रवृत्ति व पोशाक की राशि से वंचित रह गये. इतना ही नहीं विद्यालय प्रशासन द्वारा 32 लाख 80 हजार रुपये की राशि को बिना वितरण किये वापस कर दिया गया. एक तरफ जहां सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गरीब, दलित, अल्पसंख्यकों व सामान्य बालिकाओं के बीच साइकिल छात्रवृत्ति तथा पोशाक के लिये प्रति वर्ष अरबों रुपये का वितरण किया जा रहा है.
इतना ही नहीं इसके प्रचार- प्रसार के लिए भी पैसा खर्च किया जाता, ताकि कोई भी छात्र इस लाभ से वंचित न रह सके. विद्यालय प्रशासन द्वारा राशि को वापस किया जाना भी एक गंभीर विषय हैं. हवाला यह दिया जा रहा है कि सभी बच्चों के लिए कम राशि आने के कारण उसको वापस कर दिया गया. मामला हुसैनगंज प्रखंड स्थित एमएस उच्च विद्यालय सह इंटर कॉलेज का है. विद्यालय में यह समस्या आवश्यकतानुसार शिक्षा विभाग व कल्याण विभाग तथा आरएमएस द्वारा कम राशि उपलब्ध कराने के कारण उत्पन्न हुई है.
इस विद्यालय में कक्षा नवम से लेकर इंटर तक की पढ़ाई होती है. जिसमें हजारों छात्र व छात्रएं अध्ययनरत हैं. विद्यालय प्रशासन द्वारा विभिन्न कोटि में छात्रवृत्ति के लिए 1456 व साइकिल के लिए 489 छात्रों की डिमांड सूची विभाग के पास भेजा गयी. डिमांड के बाद विद्यालय को 24 लाख 30 हजार रुपये का आवंटन किया गया, जो डिमांड से कम राशि थी.
कम राशि प्राप्त होने के कारण विद्यालय प्रशासन द्वारा छात्र छात्रओं व अभिभावकों के हंगामा के डर से राशि का वितरण नहीं किया गया. प्राचार्य सैयद अली पंतजन का कहना है कि इस संबंध में कई बार जिला कल्याण पदाधिकारी व आरएमएस को राशि के लिये पत्र भेजा गया.
इतना ही नहीं, प्राचार्य स्वयं जिला पदाधिकारी से भी मिल कर अपनी बात रखी. इधर कोई कार्रवाई नहीं होते देख विद्यालय प्रशासन द्वारा 10 मार्च 2015 को विभाग द्वारा निर्गत राशि को वापस कर दिया गया. इसी बीच विद्यालय के खाते में दुबारा आठ लाख 50 हजार रुपये की राशि को भेज दिया गया.
जब इसकी जानकारी प्राचार्य को हुई तो वे बाद में इस राशि को भी 23 मार्च, 2015 को वापस कर दिया गया. इधर विद्यालय प्रशासन द्वारा राशि वापस करने व वितरण नहीं करने के संबंध में छात्रों के अभिभावक द्वारा स्थानीय विधायक विक्रम कुंवर से की. ग्रामीणों के शिकायत पर विधायक द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारी से राशि के संबंध में बात की, परंतु कोई सकारात्मक हल अभी तक नहीं निकल सका है. इधर राशि से वंचित रहने के कारण छात्र व छात्रओं सहित उनके अभिभावकों में काफी
आक्रोश है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं कि राशि आवंटन के तीन माह तक वितरण की मॉनीटरिंग विभाग द्वारा नहीं की गयी. इधर इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी महेश चंद्र पटेल ने कहा कि विद्यालय प्रशासन द्वारा राशि का वितरण नहीं करना लापरवाही को दरसाता हैं. इस संबंध में जांच कर आगे की कार्रवाई किया जायेगा.
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