* कभी झगड़ा तो कभी दुलार, जिसमें झलकता है भाई–बहन का प्यार
सीवान : पर्व और त्योहारों का देश कहे जाने वाले भारत में यो तो कई ऐसे त्योहार हैं, जो बड़े ही धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं. लेकिन इन सभी में राखी एक ऐसा पर्व है, जो भाई–बहन के पवित्र रिश्ते को और अधिक मजबूत और सौहार्दपूर्ण बनाये रखता है. रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधते हुए उसकी लंबे और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करती हैं.
वहीं भाई ताउम्र अपनी बहन की रक्षा करने और हर–दुख में उसकी सहायता करने का वचन देते हैं. रक्षा बंधन भाई और बहन के रिश्ते की पहचान माना जाता है. राखी का धागा बांध बहन अपने भाई से अपनी रक्षा का प्रण लेती है. यो तो देश में भाई–बहनों के बीच प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं है पर रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्वपूर्ण बना है.
* क्या है धार्मिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार यह पर्व देवासुर संग्राम से जुड़ा है. जब देव और दानवों के बीच युद्ध चल रहा था और दानव विजय की ओर अग्रसर थे, यह देख कर राजा इंद्र परेशान थे. उन्हें परेशान देखकर उनकी पत्नी इंद्राणी (जिन्हें शशिकला भी कहा जाता है) ने भगवान की आराधना की. उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्होंने उन्हें एक मंत्र सिद्ध धागा दिया. इस धागे को इंद्राणी ने इंद्र की कलाई पर बांध दिया. इस प्रकार इंद्राणी ने पति को विजयी कराने में मदद की.
इस धागे को रक्षा सूत्र का नाम दिया गया और बाद में यही रक्षा सूत्र रक्षा बंधन हो गया. जैसे–जैसे राखी का त्योहार नजदीक आ रहा है. शहर से लेकर गांव तक राखी की दुकानें सजने लगी हैं. इन दुकानों पर बहनों की भारी भीड़ भी दिख रही है. इधर शहर से बाहर रहने वाले भाइयों को भी राखी भेजने का दौर जारी है.
बहनें स्थानीय डाक घरों से लेकर प्राइवेट कूरियर से भाइयों को राखियां भेज रही है. इन दिनों डाक घरों में रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट कराने की लंबी कतारें दिख रही है. इसी तरह शहर के अलावा मैरवा, गुठनी, दरौली, जीरादेई, नौतन, बड़हरिया, तरवारा, बसंतपुर, महाराजगंज, रघुनाथपुर, दरौंदा, पचरुखी, हसनपुरा, हुसैनगंज आदि प्रखंडों के प्रमुख बाजारों व चौराहों पर राखी की दुकानें सज गयी हैं.
* लुभा रहीं टैटू वाली राखियां
बाजारों में छोटा भीम, लुम्बा, हनुमान की टैटू वाली राखियां बहनों को कुछ ज्यादा ही लुभा रही है. हो भी क्यों न यह राखियां उनके छोटे भाइयों की कलाइयों पर फबेगी जो. यही नहीं भाई भी अपने डिमांड की राखियों को खरीदने की पेशकश बहनों से कर रहे हैं. दुकानदार भी बहनों के मनमुताबिक राखियों का भंडारण कर रखे हैं.
इन दिनों बाजारों में प्रमुख रूप से टेडी बीयर, डोरमेन, कृष्ण भगवान, गणोश, बांड, फैंसी डोरी वाली राखियां, स्टोन जड़ित राखियों की भरमार है. वहीं आभूषण दुकानदारों की मानें तो रक्षाबंधन पर्व के लिए कई बहनों ने चांदी की राखियों की डिमांड कर रखी है.
* बहन को दें राखी का खास उपहार
खुशियों से भरा भाई–बहनों का सबसे फेवरेट राखी का त्योहार तीन दिन बाद आने वाला है. वैसे तो हर साल राखी की धूमधाम देखी जाती है और अब जब इस त्योहार में कुछ ही दिन शेष रह गये हैं, तो भाइयों ने अपनी बहनों को तोहफे देने के लिए अभी से पैसे बचाने शुरू कर दिये होंगे. सैकड़ों पर्वों के बीच राखी और भाई दूज यानी गोधन ही तो दो ऐसे त्योहार हैं, जब बहनें अपने भाई से खुले दिल से गिफ्ट्स मांग सकती हैं.