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उत्पीड़ित महिलाएं किससे करें फरियाद

नवंबर में उद्घाटन के बाद नाममात्र के लिए संचालित हो रहा कार्यालय समाज कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए हरेक जिले में महिला हेल्प लाइन की स्थापना की गयी है, जहां पहुंच कर वे अपनी फरियाद सुनाती हैं और उस पर हेल्प लाइन द्वारा उचित कार्रवाई की जाती है. ऐसे […]

नवंबर में उद्घाटन के बाद नाममात्र के लिए संचालित हो रहा कार्यालय
समाज कल्याण विभाग द्वारा महिलाओं की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए हरेक जिले में महिला हेल्प लाइन की स्थापना की गयी है, जहां पहुंच कर वे अपनी फरियाद सुनाती हैं और उस पर हेल्प लाइन द्वारा उचित कार्रवाई की जाती है. ऐसे में जब उत्पीड़ित महिलाओं की फरियाद सुनने के लिए बनी हेल्प लाइन खुद ही बदहाल पड़ी हो, तो फिर महिलाएं किससे सुनायें फरियाद. कागजी तौर पर इसकी शुरुआत पांच नवंबर, 2014 को ही हो गयी, लेकिन अब तक यहां कोई व्यवस्था नजर नहीं आ रही है. न तो यहां कार्यालय का बोर्ड लगा है और न इसका दूरभाष ही चालू है. ऐसे में यह हेल्प लाइन कैसे काम करती होगी. इसका सहज ही आकलन किया जा सकता है.
सीवान : नगर के रेडक्रॉस भवन में संचालित महिला हेल्प लाइन का संचालन नाममात्र के लिए ही हो रहा है. यहां हर तरफ अव्यवस्था का आलम दिखा और इसके कागजी चालू रहने की स्थिति दिखी. प्रभात खबर संवाददाता जब सोमवार के अपराह्न् पहुंचे, तो यहां पदस्थापित एक मात्र कर्मी अपनी ड्यूटी पर मौजूद दिखी. वहां जो दिखा प्रस्तुत है.
अव्यस्थित है कार्यालय : महिला हेल्प लाइन का कार्यालय देखने पर लगा कि वह महीनों से नहीं खुला हो. कुरसी और मेज पर धूल की मोटी परत जमी थी. कार्यालय के बाहर कोई बोर्ड भी नहीं दिखा, जिससे इस कार्यालय के यहां संचालित होने का पता लोगों को चल सके. पूछने पर पता चला कि तत्काल में इस कार्यालय का काम भी बगल में संचालित महिला अल्पावास गृह के कार्यालय में किया जा रहा है. भवन की रिपेयरिंग होनी है. भवन की स्थिति ठीक-ठाक लग रही है,पर जरूरत है तो वहां साफ-सफाई की.
टेलीफोन पड़ा है खराब : नियमत: महिला हेल्प लाइन को 24 घंटे निर्बाध रूप से काम करना है, जहां उत्पीड़ित महिलाएं अपनी फरियाद पहुंचाती हैं. इसके बाद हेल्प लाइन द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस को सूचना देकर राहत पहुंचाने का काम किया जाना है, लेकिन हैरानी की बात है कि इस हेल्प लाइन में पीड़िता को अपनी गुहार पहुंचाने के लिए लगा टेलीफोन ही खराब मिला. यह टेलीफोन इसके शुरू होने के समय से ही खराब है.
इसके साथ ही महिला हेल्प लाइन के लिए तत्काल रूप से मोबाइल संख्या 9771468031 उपलब्ध करायी गयी, वह भी कार्यरत नहीं है. ऐसे में पीड़िता अपनी फरियाद कैसे पहुंचाएं? सभी मामलों में यहां पहुंच कर फरियाद करना संभव नहीं होता. साथ ही यहां तो कार्यालय बोर्ड भी नहीं है, तो यहां कैसे पहुंच पायेंगी फरियादी.
एक कर्मी के भरोसे हो रहा कोरम पूरा : महिला हेल्प लाइन मात्र एक कर्मी के भरोसे अपना कोरम पूरा कर रही है. इसकी परियोजना प्रबंधक श्वेता कुमारी योगदान के बाद से 15 मार्च तक मातृत्व अवकाश में हैं. वहीं परामर्शी मुक्ति श्रीवास्तव व अधिवक्ता ऋचा कुमारी ने योगदान नहीं दिया है. अभी परामर्शी रागिनी कुमारी के भरोसे ही यहां कार्य चल रहा है.
चार माह में दर्ज हुआ मात्र एक मामला : महिला हेल्प लाइन के उद्घाटन को लगभग चार माह बीत चुके हैं और यहां अभी तक मात्र एक मामला ही दर्ज हो सका है. वह भी ऐसी कुव्यवस्था की स्थिति में दर्ज होना भी आठवां आश्चर्य ही कहा जायेगा. जब यहां हेल्प लाइन संबंधित कोई सूचना या बोर्ड ही नहीं है. साथ ही यहां दूरभाष से संपर्क का भी कोई साधन ही नहीं है.
क्या कर रहे है जिला परियोजना प्रबंधक : महिला हेल्प लाइन के दैनिक कार्यकलाप का निरीक्षण जिला परियोजना प्रबंधक की जिम्मेवारी है. ऐसे में इसकी वर्तमान स्थिति से इनके कार्य कलाप का मूल्यांकन सहज ही लगाया जा सकता है. हेल्प लाइन की वर्तमान स्थिति के संबंध में जब परियोजना प्रबंधक अनुग्रह टिग्गा से पूछा गया, तो वे बहाना बनाते नजर आये. किसी बात का संतोष जनक जवाब उनके पास नहीं था.
महिला थाने के भरोसे है आधी आबादी : महिला हेल्प लाइन के सही ढंग से कार्य नहीं करने के कारण आधी आबादी महिला थाने के भरोसे चल रही है. हेल्प लाइन के पास विभिन्न तरह के मामले आते हैं, जिनके निष्पादन के लिए उसके द्वारा कार्रवाई की जाती है. महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी ने बताया कि महिलाएं अपनी फरियाद लेकर सीधे महिला थाना पहुंच जाती हैं, जो मामले थाने से संबंधित रहते हैं, उस पर कार्रवाई की जाती है. नहीं तो शेष मामलों में उचित सलाह के बाद लौटा दिया जाता है. अगर महिला हेल्प लाइन सही ढंग से काम करती, तो उन पर भी दबाव कम होता. साथ ही उन्हें उचित सहयोग भी प्राप्त होता.
क्या कहते हैं अधिकारी
महिला हेल्प लाइन की वर्तमान स्थिति के संबंध में संबंधित अधिकारियों को तलब किया जा रहा है. इसमें व्याप्त समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जायेगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी. योगदान नहीं करने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके बाद मेधा सूची में नंबर दो पर रहे आवेदकों को योगदान कराने का आदेश दे दिया गया है. किसी भी हाल में यहां गड़बड़ी बरदाश्त नहीं की जायेगी.
संजय कुमार सिंह, जिलाधिकारी, सीवान

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