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स्कूल परिसर बना जुआरियों का अड्डा
पुलिस को सूचना देने के बाद भी नहीं बंद हुआ जुए का अड्डा सीवान : शहर के बीचो-बीच स्थित गणोश मेमोरियल प्राथमिक विद्यालय का परिसर जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. स्कूल की शिक्षिकाएं जब इसका विरोध करती हैं, तो असामाजिक तत्व गाली-गलौज कर धमकी देते हैं. शनिवार को प्रभात खबर का संवाददाता स्कूल की […]
पुलिस को सूचना देने के बाद भी नहीं बंद हुआ जुए का अड्डा
सीवान : शहर के बीचो-बीच स्थित गणोश मेमोरियल प्राथमिक विद्यालय का परिसर जुआरियों का अड्डा बना हुआ है. स्कूल की शिक्षिकाएं जब इसका विरोध करती हैं, तो असामाजिक तत्व गाली-गलौज कर धमकी देते हैं.
शनिवार को प्रभात खबर का संवाददाता स्कूल की बुनियादी सुविधाओं की कमी पर समाचार संकल करने जब स्कूल पहुंचे, तो नजारा कुछ और ही दिखा. स्कूल में करीब एक दर्जन से अधिक लोग अर्ध निर्मित भवन की उपरी मंजिल पर जुआ खेल रहे थे. जब संवाददाता ने उनकी तसवीर कैद करनी शुरू की, तो सभी भाग निकले. ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी नगर थाने को नहीं हैं. शिक्षिकाएं बतातीं है कि कई बार नगर थाने को इसकी सूचना दी गयी. पुलिस आती है, तो असामाजिक तत्व भाग जाते हैं.
फिर दूसरे दिन से जुआ शुरू हो जाता है.
एक परिसर में चलता है दो प्राथमिक विद्यालय : गणोश मेमोरियल प्राथमिक विद्यालय के परिसर में एक नहीं दो विद्यालय चलते हैं. दूसरा विद्यालय राजकीय प्राथमिक विद्यालय कागजी मुहल्ला है. इस विद्यालय का अपना भवन नहीं होने के कारण करीब डेढ़ दशक से यह विद्यालय इसी परिसर में चलता है. गणोश मेमोरियल में चार तथा कागजी मोहल्ले वाले विद्यालय में भी चार शिक्षक प्रतिनियिुक्त हैं. प्राथमिक विद्यालय कागजी मोहल्ले के एक शिक्षक संसाधन केंद्र में को-ऑर्डिनेटर हैं. कहने के लिए गणोश मेमोरियल में 125 तथा प्राथमिक विद्यालय कागजी मोहल्ले में 67 छात्र नामांकित हैं, लेकिन शनिवार को दोनों विद्यालयों को मिला कर करीब 50 छात्र भी मौजूद नहीं थे.
नहीं हैं सुविधाएं : दोनों विद्यालयों में बच्चों को पढ़ने के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी है.विद्यालय में समय पर सभी शिक्षकों का नहीं आना छात्रों की उपस्थिति कम होने का मुख्य कारण है. वहीं पहले स्कूल आनेवाले छात्रों से शिक्षक सफाई करवाते हैं.शायद इसी वजह से बच्चे लेट से आते हैं.
विद्यालय में कहने के लिए दो शौचालय है. एक नया तथा एक पुराना. नया शौचालय तो बनने के साथ ही टूट गया तथा पुराने शौचालय की हालत जजर्र है. इस शौचालय में दरवाजा नहीं होने के कारण छात्राओं को परेशानी होती है. मोहल्ले के बीचों-बीच इस विद्यालय के होने के कारण मोहल्ले वाले कचरा परिसर में ही फेंकते हैं. करीब पांच साल पहले पांच लाख रुपये की लागत से दो मंजिले नये भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन रुपयों की पूर्ण निकासी के बावजूद आज तक भवन पूरा नहीं हो सका.
क्या कहती हैं प्रधानाध्यापिकाएं
जब बच्चों की कक्षाएं चलती हैं, तब असामाजिक तत्व अंदर घुस कर जुआ खेलते हैं. विरोध करने पर गाली देते हुए मारने की धमकी देते हैं. नगर थाने की पुलिस को कई बार सूचना दी गयी, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. निर्माणाधीन भवन की पूरी राशि पहले की प्रधानाध्यापिका द्वारा निकाली गयी है. भवन क्यों नहीं बना,इसकी जानकारी नहीं है.
श्री मती किरन, गणोश मेमोरियल प्राथमिक विद्यालय
दो शिक्षिकाएं काम से बाहर गयी हैं. एक शिक्षक सप्ताह में एक दिन यहां पढ़ाये हैं शेष दिन को-ऑर्डिनेटर का काम करते हैं. भवन के लिए जमीन नहीं होने के कारण विद्यालय इस भवन में कई वर्षो से चल रहा है.
उर्मिला शर्मा, राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कागजी मोहल्ला
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