सीवान : जिले के हुसेनगंज प्रखंड के गड़ार निवासी सुरेश तिवारी अपने हक के लिए लगातार 31 वर्ष से संघर्षरत हैं.कटिहार के जूट मिल में कार्यरत रहे सुरेश के परिवार की कभी खुशहाल जिंदगी थी,अब बदहाल है. सुरेश तिवारी वर्ष 1950 में 05 मई को कटिहार के जूट मिल में मैकेनिक के रूप में काम शुरू किया.
बाद के दिन में प्रोन्नति का लाभ पाकर जेइ बन गये. इस बीच मिल के प्राइवेट सेक्टर में संचालन के दौरान घाटे में होने के कारण प्रबंधन ने हाथ खींच लिया. लेकिन सुरेश के मुताबिक भारत सरकार ने 1978 में कंपनी का अधिग्रहण कर लिया.जिसके बाद कर्मचारियों में आरबीएचएम न्यू जूट मील के जीर्णोद्धार की एक उम्मीद जगी, लेकिन हालात सामान्य नहीं हुआ. आखिरकार 05 नवंबर, 1983 को कंपनी ने सुरेश तिवारी को बरखास्त कर दिया.
जिसके बाद से लगातार सुरेश न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं. बकौल सुरेश बिना कारण बताये कंपनी से हटाने की शिकायत हमने जिला प्रशासन से लेकर भारत सरकार तक की. इसके बाद श्रम आयुक्त से लेकर हाइकोर्ट पटना तक गुहार लगा चुका हूं.
लेकिन, न्याय में विलंब के चलते अब उम्मीद टूटती जा रही है. तकरीबन 72 वर्ष के हो चुके सुरेश कहते हैं कि जीवन के अंतिम सांस तक इंसाफ के लिए संघर्ष जारी रहेगा.अब यह लड़ाई मात्र एक व्यक्ति की न होकर ईमानदारी व इंसाफ के लिए है.