गोरेयाकोठी . 10 साल से अधिक बीत जाने के बावजूद अब तक आश्रित पुत्र को नौकरी नहीं मिलने से परेशान राकेश कुमार सिंह ने प्रखंड मुख्यालय पर आमरण अनशन मंगलवार से शुरू किया. उसका कहना है कि 10 साल से वह कार्यालयों का चक्कर लगाते थक चुका है और उसकी सुनने वाला कोई नहीं है.
अब उसने फैसला किया है कि अनुकंपा पर नौकरी के फैसले तक वह अनशन बैठा रहेगा. मालूम हो कि राकेश की मां की मृत्यु पांच दिसंबर, 2004 को सेवाकाल के दौरान हो गयी थी, जो मिडिल स्कूल संग्रामपुर में शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं. उसने प्रखंड कार्यालय को 24 जनवरी को आवेदन देकर आमरण अनशन की सूचना दी थी. उसके साथ प्रो. योगेश्वर त्रिपाठी, सुनील कुमार, राकेश राम, जगदीश राम, हरेराम यादव, सत्येंद्र पाठक सहित अन्य लोग उपस्थित थे.