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पुलिस बयानवीर, अपराधी बने बलवीर

छपरा (कोर्ट). न्यायालय परिसर में बेखौफ अपराधियों द्वारा जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है, उससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न् खड़ा हो गया है. इस घटना ने न्यायिक पदाधिकारियों को भी सोचने पर विवश कर दिया है. अपराधियों ने हजारों अधिवक्ताओं व पैरवी कारों तथा दर्जनों पुलिस कर्मियों की उपस्थिति की […]

छपरा (कोर्ट). न्यायालय परिसर में बेखौफ अपराधियों द्वारा जिस तरह घटना को अंजाम दिया गया है, उससे पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न् खड़ा हो गया है. इस घटना ने न्यायिक पदाधिकारियों को भी सोचने पर विवश कर दिया है. अपराधियों ने हजारों अधिवक्ताओं व पैरवी कारों तथा दर्जनों पुलिस कर्मियों की उपस्थिति की परवाह किये बिना घटना को अंजाम दिया है. यह उनके हौसले को दरसाता है कि उनके दिल में कहीं भी पुलिस का खौफ नहीं है.

घटना के बाद पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी का दावा लंबा-लंबा बयान देकर कर रही है. किंतु, अपराधी जहां बलवीर बने हैं, वहीं पुलिस मात्र बयानवीर.भयमुक्त थे अपराधी : अपराधियों ने जिस जगह से इस घटना को अंजाम दिया है, वहां एपीपी के अलावा कई वरीय अधिवक्ता बैठते हैं, जिनके पास कई-कई पैरवीकार बैठे रहते हैं. उन्हें इस बात का तनिक भी भय नहीं था कि कोई उन्हें देख भी सकता है.

सुरक्षा कर्मियों को झोंकी धूल : जहां से बम फेंका गया है, उसी की बगल में न्यायिक पदाधिकारी का कोर्ट है, जिनकी सुरक्षा में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. उनकी भी नजर उन पर पर सकती थी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी किस ओर गायब हो गये, कोई नहीं जान पाया.
प्रतिदिन आते हैं कई कुख्यात :
न्यायालय में पेशी के लिए प्रतिदिन कई कुख्यात अपराधकर्मी, माओवादी और इनके अलावा जनप्रतिनिधि उपस्थित होते हैं. इनकी सुरक्षा के लिए मंडल कारा से प्रतिनियुक्त सिपाही के अलावा और कोई अतिरिक्त सुरक्षा नहीं होती, इसमें कभी कोई घटना हो सकती है.
पुलिस नहीं रहती है मुस्तैद : कोर्ट परिसर से कई कुख्यात अपराधी फरार हो चुके हैं, तो कइयों की अपराधियों ने जान ले ली है, परंतु पुलिस सब कुछ जानते हुए भी परिसर की सुरक्षा में मुस्तैदी नहीं दिखाती. परिसर स्थित हाजत को छोड़ दिया जाये, तो कहीं भी पुलिस सक्रिय दिखायी नहीं पड़ती है. न्यायालय हाजत गेट से दस कदम की दूरी पर यह घटना हुई. किंतु, कोई भी वहां तैनात पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा सका.
विशेष जांच दल का गठन : व्यवहार न्यायालय परिसर में बमबारी कर तिहरे हत्याकांड के सूचक और गवाह के अंगरक्षक को घायल करने के मामले की जांच के लिए एसपी विनय कुमार ने विशेष जांच का गठन कर दिया है.एएसपी के नेतृत्व में गठित विशेष जांच दल में कई थानाध्यक्षों को भी शामिल किया गया है. एसपी ने बताया कि क्यूआरटी अपने स्तर से अलग कार्रवाई करेगी. अपराधियों की गिरफ्तारी जल्द किये जाने का निर्देश दिया गया है. उन्होंने बताया कि विशेष जांच टीम ने अभी से काम करना भी शुरू कर दिया है.
घायल शशिभूषण से एसपी ने ली जानकारी
व्यवहार न्यायालय परिसर में बममारी में घायल शशिभूषण सिंह से सदर अस्पताल में जाकर पुलिस अधीक्षक विनय कुमार तथा एएसपी सुशील कुमार ने मुलाकात की और घटना के बारे में जानकारी ली. एसपी ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा और इस मामले के सभी दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस बमबारी करनेवालों को पकड़ने के लिए क्यूआरटी को लगाया गया है.
10 के खिलाफ प्राथमिकी : बमबारी करने के मामले में घायल शशिभूषण सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. साजिशकर्ता व हमलावरों समेत दस लोगों को नामजद किया गया है. पुलिस नामजद किये गये व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. प्राथमिकी देर संध्या नगर थाने में दर्ज की गयी.
आयुक्त ने घटनास्थल का लिया जायजा : व्यवहार न्यायालय परिसर में हमले की घटना के बाद प्रमंडलीय आयुक्त उपेंद्र कुमार भी पहुंचे और घटना की जानकारी ली. घटना की जानकारी लेने के बाद आयुक्त श्री कुमार ने डीएम तथा एसपी को आवश्यक निर्देश दिया. उन्होंने सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक उपाय करने का भी निर्देश दिया.
एएसपी ने की बैठक
व्यवहार न्यायालय के रजिस्ट्रार के साथ अपर पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने संध्या समय बैठक की और न्यायालय परिसर में सुरक्षा प्रबंधों को कड़ा किये जाने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा की. एएसपी ने कहा कि न्यायालय परिसर की सुरक्षा कड़ी होगी. न्यायालय परिसर वाहन पार्किग के मामले में भी एएसपी ने आवश्यक निर्देश दिये.

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