नदी में फेंकी गयी घर की लक्ष्मी, तमाशा देखने जुटी भारी भीड़

सीवान : भले ही हम लाख तरक्की की बात कहें, मंगल ग्रह पर कदम रखने के दावे करें. बेटियों को पूजने की बात कहें. लेकिन, आज भी बेटियों को बोझ की नजर से देखा जाता है. बदलते दौर में भी बेटियों की किस्मत नहीं बदली है. बिहार के सीवान जिले से सामने आयी एक घटना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 20, 2020 7:00 PM

सीवान : भले ही हम लाख तरक्की की बात कहें, मंगल ग्रह पर कदम रखने के दावे करें. बेटियों को पूजने की बात कहें. लेकिन, आज भी बेटियों को बोझ की नजर से देखा जाता है. बदलते दौर में भी बेटियों की किस्मत नहीं बदली है. बिहार के सीवान जिले से सामने आयी एक घटना ने बेटियों को बोझ समझने की समाज की मानसिकता को फिर उजागर करके रख दिया है. यहां एक नवजात बच्ची को नदी में फेंके जाने की खबर मिलने पर सनसनी फैल गयी. बच्ची को देखने के लिए बड़ी संख्या में तमाशबनी जुटे और कुछ देर बाद सभी वापस लौट गये. किसी के चेहरे पर सवाल का जवाब नहीं था कि आखिर कब तक घर की लक्ष्मी मानी जाने वाली बेटियों को ऐसे रवैये का सामना करना पड़ता रहेगा.

सीवान जिले के दाह नदी में नवजात बच्ची को फेंकने की बात सामने आयी है. यह खबर एक से दूसरे तक पहुंची. खबर मिलने के बाद बड़ी संख्या में लोग दाह नदी के पुल के नीचे फंसी बच्ची के शव को देखने के लिये पहुंचे. सैकड़ों लोगों की भीड़ बच्ची के शव को देखती रही. इस दौरान जितने मुंह उतनी तरह की बातें भी होती रही. हालांकि, अभी तक यह सामने नहीं आया है कि किसने नवजात के साथ ऐसी घिनौनी हरकत की. यह नहीं पता चल सका है कि किसने नवजात को दाह नदी में फेंका. वहीं नवजात के शव को देखने के बाद कई महिलायें नाराज जरूर देखी गयी. बता दें लगातार इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं, जहां बेटियों को मां की गोद नहीं मौत की नींद नसीब होती है.

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