सीवान : कार्य में लापरवाही बरतने व बहाने बनाने वाले पुलिस कर्मियों की खैर नहीं. अब उनकी एक नहीं चलने वाली. उनकी हरकतों को देख एसपी नवीन चंद्र झा ने एक अनूठी पहल इजात की है. जिले के सभी पुलिस वाहन में शीघ्र जीपीएस सिस्टम लगाया जायेगा. इससे पुलिस के जवान गश्त के दौरान वाहन की स्थिति को लेकर झूठ नहीं बोल पायेंगे. मालूम हो कि कई बार पुलिस धीक्षक को सूचना मिल रही थी कि गश्त के दौरान पुलिस ड्यूटी के बजाये उसके नाम पर इधर-उधर चले जाते है.
इसके कारण कई बार घटनाएं हो चुकी है. इस तरह की दिक्कतों व समस्याओं को देख सभी गश्ती वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगाया जायेगा. इसको लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक श्री झा ने बताया कि इधर चोरी की घटनाओं सहित अन्य घटनाओं को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. यहीं नहीं गश्ती वाहन की लापरवाही भी अब नहीं चलेगी.
गश्ती के नाम पर सड़क के किनारे वाहन खड़ा कर आराम फरामते थे साहब : अक्सर देखा जाता है कि विभिन्न थाना क्षेत्रों में रोड किनारे खड़े गश्ती वाहन में पुलिसकर्मी आराम फरमाते हैं. जब तक उन्हें उतर कर कहीं जाने की जरूरत महसूस नहीं होती वे हिलते तक नहीं. अब वे ऐसा नहीं कर सकेंगे. खड़े गश्ती वाहन में आराम का मतलब होगा कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा. इस सिस्टम के लग जाने से हर गतिविधि के संबंध में जानकारी मिलती रहेगी की यह वाहन गश्त कर रही है या किस इलाका में है.
कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर रखी जायेगी नजर
थानों का गश्ती वाहन लोगों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में बहुत महत्वपूर्ण है. गश्ती वाहन के घूमते रहने से अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा होता है. कहीं कोई आपराधिक घटना होने की आशंका हो या कहीं ऐसा हो चुका हो तब भी गश्ती वाहन ही सबसे पहले वहां पहुंचता है. गश्ती वाहनों पर कड़ी निगरानी नहीं होने की वजह से इसमें चलने वाले पुलिसकर्मी ड्यूटी कम और सुस्ता ज्यादा लेते हैं. गश्ती वाहनों में जीपीएस लग जाने से कंट्रोल रूम किसी भी समय यह पता कर लेगा कि किसी थाने की गश्ती गाड़ी कहां है. गश्ती वाहन के अधिकारी अपना लोकेशन छिपा नहीं पायेंगे. कहीं से कॉल आने पर गश्ती गाड़ी उस तरफ जा रही है या नहीं यह भी पता चल जायेगा.
कंट्रोल रूम से हर गतिविधि पर रखी जायेगी नजर
थानों का गश्ती वाहन लोगों की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में बहुत महत्वपूर्ण है. गश्ती वाहन के घूमते रहने से अपराधियों में पुलिस का खौफ पैदा होता है. कहीं कोई आपराधिक घटना होने की आशंका हो या कहीं ऐसा हो चुका हो तब भी गश्ती वाहन ही सबसे पहले वहां पहुंचता है. गश्ती वाहनों पर कड़ी निगरानी नहीं होने की वजह से इसमें चलने वाले पुलिसकर्मी ड्यूटी कम और सुस्ता ज्यादा लेते हैं. गश्ती वाहनों में जीपीएस लग जाने से कंट्रोल रूम किसी भी समय यह पता कर लेगा कि किसी थाने की गश्ती गाड़ी कहां है. गश्ती वाहन के अधिकारी अपना लोकेशन छिपा नहीं पायेंगे. कहीं से कॉल आने पर गश्ती गाड़ी उस तरफ जा रही है या नहीं यह भी पता चल जायेगा.
क्या कहते हैं एसपी
सभी पुलिस के वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जायेगा. इससे उनके लोकेशन के संबंध में जानकारी मिलती रहेगी. इससे वे लोग गश्ती में किसी तरह के लापरवाही नहीं बरत पायेंगे.
नवीन चंद्र झा, पुलिस अधीक्षक, सीवान