पहल. दुर्घटना की रोकथाम के लिए कवायद
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वाहनों में लगेंगे स्पीड गवर्नर
पहल. दुर्घटना की रोकथाम के लिए कवायद सीवान : हनों में स्पीड गवर्नर लगाने की कवायद तेज हो गयी है. परिवहन विभाग ने इसके लिए आदेश जारी करते हुए चार कंपनियों को इसकी जिम्मेवारी सौंपी है. इन चारों को हायर करते हुए परिवहन विभाग ने इन चारों से विस्तृत ब्योरा और इनपुट मांगा है, ताकि […]
सीवान : हनों में स्पीड गवर्नर लगाने की कवायद तेज हो गयी है. परिवहन विभाग ने इसके लिए आदेश जारी करते हुए चार कंपनियों को इसकी जिम्मेवारी सौंपी है. इन चारों को हायर करते हुए परिवहन विभाग ने इन चारों से विस्तृत ब्योरा और इनपुट मांगा है, ताकि इस पर कार्रवाई करते हुए वाहनों में इसे लगाने का काम शुरू हो सके. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने की कवायद हुई थी. भारत सरकार के परिवहन और राज्य मार्ग मंत्रालय द्वारा इसकी अधिसूचना जारी की गयी थी.
लेकिन अब तक इस पर अमल नहीं हो सका था. पुन: सुप्रीम कोर्ट और मंत्रालय द्वारा लिए दिये गये निर्देश के अनुपालन में इसे लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. अब इसके बाद वाहनों में इसे लगाने में तेजी आने की संभावना है. परिवहन विभाग बिहार सरकार द्वारा भी इसके लिए 8 जून, 2017 को नयी अधिसूचना जारी की गयी है. इसके लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया, सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट, इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमेटिव टेक्नोलॉजी व व्हीकल्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट स्टैबलिशमेंट को अधिकृत किया है. इन चारों में से एक अभिकरण द्वारा प्रमाणपत्र या अनुमति के बाद ही कोई भी कंपनी बाजार में अपना स्पीड गवर्नर बेच सकेगी.
इससे क्या होगा फायदा
आम तौर पर पूरे बिहार में सड़कों की स्थिति सुधरी है. हर तरफ सड़कें चौड़ी व चकाचक दिख रही है. इसके होने के बाद बेतरतीब और हाइस्पीड में वाहन चलाने से रोड एक्सीडेंट की घटनाएं भी बढ़ी हैं. शायद ही जिले का कोई ऐसा दिन गुजरता हो, जिसमें सड़क हादसा न होता हो. सूबे और देश की तो बात अलग है. ऐसे में स्पीड गवर्नर लग जाने के बाद वाहनों की गति लिमिट हो जायेगी. इसके लगने से किसी भी स्थिति में निर्धारित लिमिट से ज्यादा स्पीड में वाहन नहीं चलाया जा सकेगा. इससे वाहन दुर्घटना में काफी कमी आयेगी.
क्या है स्पीड गवर्नर
स्पीड गवर्नर वाहनों में लगाये जाने वाला एक डिवाइस है. इसे लगाने के बाद वाहनों का स्पीड लिमिट हो जाता है. इससे उसके स्पीड लिमिट का पालन संभव होगा. अगर किसी बस का स्पीड लिमिट 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय है, तो उसे स्पीड गवर्नर लगाने के बाद इससे अधिक गति से नहीं चलाया जा सकेगा.
साथ ही वाहन में स्पीड गवर्नर लगाने के बाद उसे छेड़छाड़ भी संभव नहीं होगी और ऐसा करने की स्थिति में इसकी जानकारी मिल जायेगी, क्योंकि इसका पूरा डाटा बेस तैयार रहेगा.
स्पीड गवर्नर लगाना हुआ अनिवार्य
सरकार के निर्देश पर वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. विभाग द्वारा चार एजेंसियों को इसके लिए अधिकृत किया गया है. इस मामले में अगला आदेश मिलते ही इसके लिए अभियान चलाया जायेगा.
वीरेंद्र प्रसाद, डीटीओ, सीवान
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