सीतामढ़ीः समुदाय प्रबंधित आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत नव जागृति, ग्राम विकास परिषद एवं गांव विकास मंच के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को जिलास्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. रेडक्रॉस के सभागार में गांव विकास मंच के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में उक्त कार्यक्रम संपन्न हुआ.
कार्यक्रम का शुभारंभ आपदा प्रबंधन विभाग के प्रभारी मिर्जा आरिफ बेग, जिला कृषि पदाधिकारी पीके झा, जिला कृषि पीके झा, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी पदाधिकारी डॉ रामेश्वर प्रसाद एवं संस्था के अध्यक्ष नागेंद्र प्रसाद सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर मिर्जा आरिफ बेग ने कहा कि आपदा से लड़ने के लिए समुदाय को तैयार करने की जरूरत है. एनडीआरएफ के द्वारा जिले में युवाओं को मास्टर ट्रेनर की ट्रेनिंग दी जा रही है, जो गांव स्तर पर युवाओं को प्रशिक्षित करेगा. इस इलाके में भूकंप रोधी मकान बनाने की जरूरत है. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि यूरिया के अत्यधिक प्रयोग से ओजोन की परत पतली होती जा रही है, जो एक नयी आपदा को जन्म देगी. मिट्टी की उर्वरा शक्ति समाप्त होती जा रही है. इसे बचाने के लिए वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग किया जाना चाहिए.
मालूम हो कि समुदाय प्रबंधित आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम जिले के तीन प्रखंडों में सेंटर फॉर वर्ल्ड सोलिडेरिटी के सहयोग से चलाया जा रहा है. कार्यक्रम के लिए आर्थिक सहयोग कैरिटास स्वीस एवं कैरिटास लग्जमबर्ग द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है. बीआरसी-सीडब्लूएस से कुमार विष्णुपद मनु एवं सोनाली सोनी ने परियोजना के चारों आयाम आपदा, स्वास्थ्य, आजीविका एवं मानव व्यापार के विषय पर विस्तार से चर्चा की. कृषि विज्ञान केंद्र के डा रामेश्वर प्रसाद एवं डा किंकर कुमार ने आपदा के समय खेती के गुर को बताया. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक आरपी सिंह ने आपदा के समय समुदाय स्तर पर एकजुट होकर सामना करने की बात कही. कार्यक्रम में नीरज गोयनका, राम एकबाल ठाकुर, रामश्रेष्ठ सिंह, गंगा सिंह, राम पुकार ठाकुर, शराफत अली, राजा कुमार, अंशुमन राजा, संजीव कुमार, महेंद्र कुमार, हरेंद्र सिंह, उषा सिंह, रंजू कुमारी, सीमा वर्मा समेत अन्य कई लोग उपस्थित थे.