सीतामढ़ीः वर्ष 2013 में जनवरी प्रशासन के लिए शुभ रहा. इस माह में प्रशासन को विकास कार्यो समेत अन्य कार्यो से निबटने में कम मशक्कत करनी पड़ी. हालांकि यह माह का शुरुआत ही जिले के बीडीओ के लिए अशुभ रहा. तीन जनवरी को डीजल अनुदान वितरण का विपत्र नहीं सौंपने पर जिले के 17 में से 16 बीडीओ के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया था.
यह रोक की जो कार्रवाई शुरू हुई तो उसके बाद से करीब-करीब हर माह बीडीओ के वेतन पर रोक लगते चला गया. यानी किसी न किसी मामले में बीडीओ की चूक पकड़ी जाती रही है और दंड के रूप में उनके वेतन भुगतान पर रोक लगाया जाता रहा है. तीन जनवरी को सरकार के आदेश के आलोक में स्थानीय सदर अस्पताल में इंप्रेसिव सिक्यूरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के 10 जवानों ने सुरक्षा का कमान संभाला था. अस्पताल में तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए उक्त जवानों को तैनात किया गया था.
इसी दिन पुपरी में स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के तहत स्वरोजगार को प्रशिक्षण कार्यक्रम पर सवाल खड़ा किया गया था. कहा गया था कि 30 लाख रुपये व्यय कर चल रहा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कागज पर सिमट कर रह गया है. उसी दौरान पीएचइडी ने पंचायतों में 1447 चापाकल लगाने का निर्णय लिया था. कितना चापाकल लगा, यह विभाग को हीं पता होगा.
एक व दो जनवरी को जिले के कई शिक्षकों की ठंड लगने से मौत हो गयी थी, जिसमें श्री जागेश्वर हाइ स्कूल, भुतही व हाइ स्कूल योगिवाना के पूर्व प्राचार्य क्रमश: राम अशीष व हरि शंकर यादव भी शामिल थे. जनवरी में ही बोखड़ा पीएचसी के पूर्व क्लर्क राहुल कुमार 1.13 लाख रुपये गबन के मामले में फंसे थे. इससे पूर्व राहुल पर फर्जी हस्ताक्षर से 2.15 लाख रुपया गबन कर लिया गया था.पीएचसी प्रभारी ने नानपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. स्वास्थ्य महकमे में यह मामला चर्चा का विषय बना था. 11 तारीख को डीएम अश्विनी दत्तात्रेय ठाकरे का यहां से नवादा डीएम के रूप में तबादला कर दिया गया था. यहां भोजपुर की डीएम डॉ प्रतिमा एस वर्मा का पदस्थापन किया गया था.