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वर्तमान व पूर्व एडीएम फंसे

सीतामढ़ीः हाईकोर्ट से संबंधित एक मामले में एमडीएम प्रभु राम व तत्कालीन डीएसओ सह एडीएम राजकुमार सिन्हा फंस गये हैं. जिला राजस्व प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी भी फंसे हैं. डीएम डॉ प्रतिमा ने उक्त तीनों पदाधिकारियों से जवाब तलब किया है. यहां बता दें कि तत्कालीन एडीएम श्री सिन्हा फिलहाल शिवहर में डीएसओ हैं. मामले […]

सीतामढ़ीः हाईकोर्ट से संबंधित एक मामले में एमडीएम प्रभु राम व तत्कालीन डीएसओ सह एडीएम राजकुमार सिन्हा फंस गये हैं. जिला राजस्व प्रशाखा के प्रभारी पदाधिकारी भी फंसे हैं. डीएम डॉ प्रतिमा ने उक्त तीनों पदाधिकारियों से जवाब तलब किया है. यहां बता दें कि तत्कालीन एडीएम श्री सिन्हा फिलहाल शिवहर में डीएसओ हैं. मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने जिले के तमाम पदाधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया है. साथ हीं मामले में अब तक की गयी कार्रवाई से भी अवगत कराया गया है. अधिकारियों को हाई कोर्ट से संबंधित मामले को लेकर ताजा दिशा निर्देश भी देये गये हैं.

क्या है पूरा मामला

उक्त आशय का पत्र डीएम के स्तर से जारी हुआ है. पत्र में डीएम ने कहा है कि हाई कोर्ट में दायर सीडब्लूजेसी संख्या- 4697/2013 दिनेश्वर प्रसाद बनाम बिहार सरकार एवं अन्य से संबंधित जिला राजस्व प्रशाखा की संचिकाओं को अपने पास लंबित रख कर इसके निष्पादन में अनावश्यक रूप से विलंब करने के कारण कर्तव्यहीनता, सरकारी कार्यो के प्रति उदासीनता व हाई कोर्ट से संबंधित महत्वपूर्ण मामले में संवेदनहीनता के लिए उक्त प्रशाखा के प्रधान लिपिक बैद्यनाथ सिंह व लिपिक राम राज महतो को निलंबित कर दिया गया है. साथ हीं उक्त संचिकाओं को लंबित रखने व इसके निष्पादन में अनावश्यक विलंब करने के लिए उक्त तीनों पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछा गया है. उक्त कर्मियों व पदाधिकारियों द्वारा संचिकाओं के निष्पादन में अनावश्यक विलंब करने के कारण हाई कोर्ट में ससमय प्रति शपथ-पत्र दाखिल नहीं किया जा सका.

डीएम का ताजा निर्देश

डीएम ने ताजा दिशा निर्देश जारी किया है. पहला, सभी शाखाओं के प्रभारी पदाधिकारी प्रत्येक शनिवार को अपने शाखा से संबंधित सीडब्लूजेसी, एमजेसी, एलपीए व एसएलपी से संबंधित मामलों की समीक्षा करेंगे और उसी दिन निश्चित रूप से डीएम को प्रतिवेदन समर्पित करेंगे. साथ हीं प्रतिवेदन की एक प्रति अपने शाखा के वरीय पदाधिकारी को भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे. दूसरा, डीडीसी व एडीएम अपने संबंधित शाखा के सीडब्लूजेसी, एमजेसी, एलपीए व एसएलपी से संबंधित मामलों की समीक्षा हर 15 दिनों पर निश्चित रूप से करेंगे और प्रतिवेदन की एक प्रति डीएम को उपलब्ध कराना शुनिश्चित करेंगे. तीसरा, प्रभारी पदाधिकारी व वरीय पदाधिकारी अपने अधिनस्थ प्रधान सहायक व सहायकों को निर्देश देंगे कि आइडब्लूडीएमएस से प्राप्त सूचना व फैक्स के आलोक में 24 घंटे के अंदर इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगे. डीएम ने कहा है कि यदि प्रधान सहायक, सहायक, प्रभारी पदाधिकारी व वरीय पदाधिकारी की लापरवाही के कारण ससमय सपथ पत्र दायर करने की कार्रवाई का अनुपालन नहीं की जाती है और हाई कोर्ट द्वारा कोई प्रतिकूल आदेश या टिप्पणी की जाती है तो कर्मियों के साथ-साथ पदाधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी. साथ हीं इसकी प्रविष्टि हाई कोर्ट में दायर किये जाने वाले प्रति शपथ पत्र में भी की जा सकती है.

हर अधिकारी को पत्र

डीएम ने सभी प्रधान सहायक, सहायक, प्रभारी पदाधिकारी व वरीय पदाधिकारी को हाई कोर्ट के आदेश का अनुपालन ससमय सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है. डीएम ने उक्त आशय से डीडीसी, एडीएम, सभी प्रशाखाओं के प्रभारी पदाधिकारी, सभी एसडीओ, डीसीएलआर, बीडीओ, सीओ, सीडीपीओ एवं जिला स्थित राज्य सरकार के सभी विभाग के

अधिकारियों को अवगत करा आवश्यक निर्देश दिया है.

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