सीतामढ़ी : राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला के संगरिया से अपहृत राजन कुमार 16 अप्रैल की दोपहर अपहर्ताओं के चंगुल से निकल कर घर लौट आया. उसके शरीर पर जख्म के निशान हैं.
रून्नीसैदपुर के धनहरा गांव निवासी सोगारथ राय का पुत्र राजन कुमार अपने भाई संजय राय के साथ वहां आइसक्रीम के ठेली पर मजदूरी करता था. सात अप्रैल की रात्रि करीब 11 बजे जब वह अपने कमरे से लघु शंका करने बाहर निकला, इसी बीच अज्ञात अपराधियों ने मुंह पर नशीला पदार्थ झाड़ कर उसका अपहरण कर लिया. इसकी लिखित सूचना संगरिया थाने(राजस्थान) को दी गयी थी. इसके बाद राजन का कोई सुराग नहीं मिल रहा था. उसके पिता ने 13 अप्रैल को एसपी को आवेदन देकर पुत्र के बरामदगी की गुहार लगायी थी.
प्रभात खबर ने ‘एक हफ्ते बाद भी राजन का सुराग नहीं’ शीर्षक से अपहरण से संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. राजन के घर पहुंचते हीं परिजनों के साथ ग्रामीणों में भी खुशी की लहर दौड़ गयी. सांसत में फंसी मां-बाप के पुत्र को देख कर जान में जान आयी. कुशल क्षेम के लिए ग्रामीणों की भीड़ सोगारथ राय के घर पर जुटी रही. सोगारथ राय ने पुत्र के आने की लिखित सूचना रून्नीसैदपुर थानाध्यक्ष को दी है.
होश आया तो ट्रेन में था
अपहर्ताओं के चंगुल से मुक्त राजन ने बताया कि उसे जब होश आया तो वह ट्रेन में सोया था. उक्त ट्रेन में सफर कर रहे दरभंगा के एक व्यक्ति को उसने आपबीती सुनायी. राजन की बात सुन कर वह व्यक्ति उसे सीतामढ़ी जाने वाली किसी दूसरे ट्रेन में बैठा दिया. वह भटकते हुए घर पहुंचा.