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पैसे के लिए पोते को बेचा
मनियारी : थाना क्षेत्र के चैनपुर वाजिद गांव में एक महिला ने दहेज की भरपाई के लिए अपने 15 दिन के नवजात पोते को बेच दिया. इस संबंध में नवजात की मां रुखसाना खातून ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें सास सज्जो खातून उर्फ सनोवर खातून व ननद नासरीन खातून पर बच्चे को बेचने का […]
मनियारी : थाना क्षेत्र के चैनपुर वाजिद गांव में एक महिला ने दहेज की भरपाई के लिए अपने 15 दिन के नवजात पोते को बेच दिया. इस संबंध में नवजात की मां रुखसाना खातून ने प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें सास सज्जो खातून उर्फ सनोवर खातून व ननद नासरीन खातून पर बच्चे को बेचने का आरोप लगाया है.
रुखसाना खातून ने बताया कि पिछले वर्ष चार अगस्त को उसकी शादी नूर मुहम्मद के पुत्र फजलुर रहमान के साथ हुई थी. शादी के बाद उसकी सास व ननद दहेज के लिए दबाव डालने लगे. उसके परिजनों ने गांव में चंदा कर 30 हजार रुपये उसकी सास को दिया. इसके बाद और 50 हजार रुपये के लिए उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. इसी बीच, 19 जनवरी को उसनेएक पुत्र को जन्म दिया.
इसके बाद सास व ननद ने उसे घर में ही बंधक बना दिया. उसके मैके वाले आये तो उससे मिलने नहीं दिया गया. तीन फरवरी को अचानक उसके बेटे की तबीयत खराब हो गयी. सास व ननद के साथ बच्चे को डॉक्टर से दिखाने के लिए मुजफ्फरपुर गयी.
वहीं उसकी सास ने बेटे को उससे छीन लिया और कहीं लेकर चली गयी. इसी बीच एक महिला वहां पहुंची.
उसकी गोद में मेरा बच्चा था. जबतक वह कुछ समझ पाती, महिला उसके बच्चे को लेकर चली गयी. जब उसने सास व ननद से अपने बच्चे के बारे में पूछा, तो दोनों ने कहा कि तुम्हारे मैके वालों ने दहेज नहीं दिया था, इसलिए बच्चे को 50 हजार में बेचकर भरपाई कर ली है. साथ ही चेतावनी दी कि यदि इस संबंध में किसी से कुछ कहा तो खाने में जहर डालकर मार देंगे. इसके बाद वह सास व ननद के साथ घर लौट गयी. यहां फिर से उसे कमरे में बंद कर दिया गया. पीड़िता का पति फजलुर रहमान गुवाहटी में रहता है. वह वहां पर निजी कंपनी में नौकरती करता है.
प्रेम-प्रसंग में हुई थी नाबालिग की शादी
ग्रामीणों ने बताया कि रुखसाना व फजलुर रहमान के प्रेम-प्रसंग की जानकारी मिलने पर परिजनों ने चार अगस्त को दोनों की शादी करा दी थी. दोनों की उम्र मात्र 14 वर्ष थी. दोनों का निकाह माड़पुर के तेगिया मदरसा के मौलवी मो शाहिद ने कराया था. इधर रुखसाना के पिता मो हारुण ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर मुखिया आरिफुर रहमान व सरपंच मो अफरोज आलम को मामले की जानकारी दी. मुखिया व सरपंच ने पुलिस को इसकी सूचना दी. देर शाम पुलिस जांच करने पहुंची. लेकिन, सभी आरोपित घर से फरार हो गये थे. थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है.
आशा ने किया मामला उजागर
रुखसाना ने बताया कि एक दिन बच्चे को पोलियो ड्रॉप पिलाने आशा कार्यकर्ता ललिता देवी व अन्य कर्मी पहुंचे. उसकी सास ने बच्चे को पोलियो ड्रॉप पिलाने से इनकार कर दिया, लेकिन आशा कार्यकर्ता अड़ी रही. इस पर उसकी सास ने कहा कि चार दिन पूर्व उसके पोते की मौत हो गयी. इस पर आशा कार्यकर्ताओं ने बच्चे की मां से मिलने की बात कही. इसका भी सास व ननद ने विरोध किया. इसके बाद आशा कार्यकर्ताओं ने रुखसाना के मायके वालों की सूचना दी. सूचना पर मायके वाले पहुंचे और बंधक बनी अपनी बेटी को घर से बाहर निकाला. इसके बाद मामले की जानकारी लोगों को मिली.
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