पांच दिनों बाद भी पानी से घिरे हैं दर्जनों गांव व कई मोहल्ले

सीतामढ़ी : पिछले 11 दिनों से शहर समेत पूरा जिला आफत काल से गुजर रहा है. मॉनसून की पहली ही बारिश ने लोगों को लगातार छह दिनों तक घरों में बंधक बनाकर रखा. लगातार बारिश से लोगों को राहत मिलती, उससे पहले ही गत शनिवार को जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में बागमती व अधवारा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 19, 2019 1:55 AM

सीतामढ़ी : पिछले 11 दिनों से शहर समेत पूरा जिला आफत काल से गुजर रहा है. मॉनसून की पहली ही बारिश ने लोगों को लगातार छह दिनों तक घरों में बंधक बनाकर रखा. लगातार बारिश से लोगों को राहत मिलती, उससे पहले ही गत शनिवार को जिले के कई प्रखंड क्षेत्रों में बागमती व अधवारा समूह की नदियों ने तो रविवार को शहर से गुजरने वाली लखनदेई नदी ने जलप्रलय मचा दिया.

पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी जिले के कई प्रखंडों के दर्जनों गांव-टोलों समेत शहर के दर्जनों मोहल्लों की हजारों आबादी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. हालांकि, पिछले तीन दिनों से बारिश के रुकने व धूप खिलने के कारण दोनों ही नदियों का जलस्तर लगातार घट रहा है, जिससे कई परिवार पानी से घिरे रहने के बावजूद अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं. वहीं, जिन परिवारों के घर अभी भी पानी में डूबे हुए हैं, ऐसे परिवार रिंग बांध, रेलवे ट्रैक, स्कूल, कॉलेज व अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं.

सड़कें टूटने से रिस्क उठाकर करना पड़ रहा आवागमन : वार्ड नंबर-1 के अधिकतर मोहल्ले अभी भी पानी से घिरे हैं. वहीं, कपरौल रोड, रंजीतपुर रोड व पुनौरा रोड के कई मोहल्लों को भी बाढ़ के पानी ने घेर रखा है. रेड लाइट एरिया चारों ओर से जलमग्न है. कई जगहों पर सड़कें टूटने के कारण बस्ती के लोगों को जरूरी सामग्रियों की खरीदारी के लिए जान जोखिम में डालकर आवागमन करना पड़ रहा है. रीगा रोड की घनी बस्तियों के लोग जान जोखिम में डालकर घर तक पहुंचने की कोशिश करते दिखे. रिंग बांध पर शरण लिये बाढ़ पीड़िता पवित्री देवी, शोभा देवी, रौशनी कुमारी आदि महिलाओं ने बताया कि उनका घर अभी भी पानी में डूबा हुआ है. घर तक नहीं पहुंचा जा सकता है, इसलिए रिंग बांध पर समय गुजारना मजबूरी बनी हुई है.

रीगा रोड में दो से तीन फुट पानी के बीच सफर शुरू: रीगा रोड में अभी भी सड़क पर दो से तीन फुट पानी बह रहा है. जिंदगी रुकती नहीं, इसलिए जरूरतमंद लोग रिश्क उठाकर सफर करना प्रारंभ कर दिया है. गुरुवार को पिकअप वैन, ऑटो-रिक्शा व ट्रैक्टर समेत अन्य सभी प्रकार के वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. बाइक सवार भी संभल कर सफर करते दिखे. हालांकि, मुसीबत अभी भी बरकरार है.

इन जगहों पर अब भी जमा है पानी: शहर के लक्ष्मणा नगर, रामपदारथ नगर, सरस्वती नगर, पुरुषोत्तम नगर, केशव नगर व श्रीकृष्ण नगर समेत अन्य कई मोहल्लों के सैकड़ों मकान अभी भी तीन से पांच फुट तक पानी से घिरा है. सैकड़ों परिवार अपने-अपने मकानों फंसे हैं और पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं. श्रीकृष्ण नगर स्थित माता मंदिर व नया टोला स्थित हनुमान मंदिर का गर्भगृह अभी भी पानी से डूबा हुआ है.

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