सीतामढ़ीः बराबर यह समझाया जाता है कि काफी सोच-समझ कर फेसबुक पर किसी से दोस्ती करें. अक्सर फेसबुक पर की गयी दोस्ती से धोखा खानी पड़ती है. कभी-कभी यह दोस्ती महंगा भी पड़ जाता है, लेकिन डॉ अर्चना सिंह के लिए फेसबुक पर की गयी दोस्ती वरदान साबित हुआ है. आज अर्चना भोजपुरी फिल्मों की नामचीन अभिनेत्रियों में शुमार की जाती है. बचपन से ही फिल्मों में काम करने की तमन्ना रखने वाली अर्चना आज किसी परिचय की मुहताज नहीं है. एक फिल्म की शूटिंग से छुट्टी मिलती है तो दूसरे फिल्म के निर्माता शूटिंग के लिए अर्चना के पास समय की मांग करने पहुंच जाते हैं.
सीतामढ़ी में एक निजी काम से आयी डॉ अर्चना सिंह ने प्रभात खबर से बचपन से अब तक की कई बातें शेयर की. बताया कि वर्ष 11 में फेसबुक के माध्यम से फिल्म निर्माता व हाजीपुर की रहने वाली साधना सिंह से संपर्क हुआ. इसी बीच अर्चना ने फेसबुक पर अपना फोटो भी शेयर किया. उसकी तस्वीर देख कर हीं साधना सिंह को यह समझते देर नहीं लगी कि इस लड़की में फिल्म अभिनेत्री के करीब-करीब तमाम गुण मौजूद हैं. साधना ने अर्चना को अपने पास बुलाया और उसका स्क्रीन टेस्ट ली. इसमें वह सफल रही. तब अर्चना को पहली भोजपुरी फिल्म ‘साई मोरे बाबा’ में काम करने का मौका मिला. इस फिल्म को बिहार के अलावा मॉरिशस में भी काफी पसंद किया गया था. फिर उसके बाद वह पीछे मुड़ कर नहीं देखी. उसके चौखट पर फिल्म निर्माताओं की लाइन लगने लगी. मुजफ्फरपुर शहर के सिकंदरपुर निवासी डॉ आरडी सिंह की पुत्री अर्चना अब तक आधा दर्जन फिल्मों में बतौर अभिनेत्री अभिनय कर अपने कला का लोहा मनवा चुकी है.
चुनिंदा फिल्मों में क्रमश: खोइछा, मजनू मोटर वाला व जिला छपरा शामिल है. उनकी फिल्म वैरी बालम व प्यार के रंग हजार शीघ्र आने वाली है. अर्चना ने भोजपुरी के चर्चित गायक व हीरो मनोज तिवारी के साथ फिल्म ‘औरत खिलौना नहीं’ की है. वहीं अर्चना अभिनित वॉलीवुड की फिल्म ‘ए ब्रोकन हर्ट ऑफ डांस बिजली रानी’ बन कर तैयार है. भोजपुरी फिल्मों में ईलता की बाबत पूछे जाने पर कहा, कुछ लोग अधिक पैसे की कमाई में अलिता को स्वीकार कर लेते हैं, जबकि वह ठीक इसके विपरित है. वह सामाजिक फिल्मों में काम करना पसंद करती है. पीएचडी कर चुकी डॉ अर्चना सिंह के पति डॉ आरके सिंह शिवहर में सर्जन है. अर्चना अब तक गुजरात, राजस्थान व महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में अपने कला का प्रदर्शन कर चुकी है.