सीतामढ़ीः सोनबरसा पीएचसी के जर्जर भवन का जीर्णोद्धार साढ़े तीन वर्षो से अधर में है. जीर्णोद्धार का जिम्मा एक संवेदक को दिया गया था. संवेदक ने पुराने भवन की छत को तुड़वा डाला, लेकिन निर्माण शुरू नहीं किया. छत तुड़वाने के बाद संवेदक एक बार भी लौट कर पीएचसी नहीं आया. कार्य अब तक लंबित रहने के कारणों की जानकारी देने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं हैं. जानकारों ने बताया कि सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत उक्त जीर्णोद्धार होना था.
ये कर चुके हैं मुआयना
उक्त जर्जर पीएचसी भवन का मुआयना अब तक कई डीएम व जनप्रतिनिधि कर चुके हैं. कोई नतीजा नहीं निकल सका है. तत्कालीन डीएम डीएन पांडेय, अश्विनी दत्तात्रेय ठाकरे, पूर्व सांसद अर्जुन राय, क्षेत्रीय विधायक रामनरेश यादव के अलावा वर्तमान डीएम, दो पूर्व सीएस व वर्तमान सीएस भवन के हालात का जायजा ले चुके हैं.
क्या है परेशानी
भवन के अभाव में पीएचसी के चिकित्सकों व कर्मियों को काम करने में काफी परेशानी होती है. एक ही हॉल में बलगम जांच, ऑपरेशन, पैथोलॉजी जांच, विभागीय बैठक, प्रशिक्षण, आशा कार्यकर्ता की साप्ताहिक बैठक व अन्य कार्य किये जाते हैं. भवन के निरीक्षण के क्रम में हर अधिकारियों ने शीघ्र निर्माण शुरू कराने की बात कही थी, पर कुछ नहीं हुआ. स्थिति ज्यों कि त्यों बनी हुई है.
डीएम ने लिया था जायजा
26 नवंबर 13 को प्रखंड कार्यालय परिसर में डीएम का जनता दरबार लगा था. तमाम अधिकारी मौजूद थे. मौके पर कई मुखिया व पंचायत समिति सदस्यों ने पीएचसी के जर्जन भवन की शिकायत डीएम से की थी. डीएम ने पीएचसी भवन का जायजा लिया था. उस दौरान वहां मौजूद प्रभारी सीएस लक्ष्मण प्रसाद सिंह व जिला योजना पदाधिकारी बबन कुमार से पूछा था कि किसके आदेश पर पुराने भवन को तोड़ा गया. दोनों अधिकारी खामोश रह गये थे.
इस पर डीएम ने संवेदक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और दो-तीन दिन के अंदर जीर्णोद्धार शुरू कराने का आदेश दिया था. साथ ही तत्काल पशु अस्पताल के कमरों में पीएचसी का संचालन कराने की बात कही थी. डीएम की उक्त बातों पर अब तक अमल नहीं हो सका है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सीएस डॉ ओम प्रकाश पंजियार ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. पटना में इसका एक विभाग है, जहां से इस संबंध में जानकारी मिल सकती है. इधर, जिला योजना पदाधिकारी बवन कुमार ने मोबाइल पर कॉल रिसीव नहीं किया.