सीतामढ़ीः लोकसभा चुनाव के संपन्न हुए तीन दिन हो गये, लेकिन सरकारी सेवकों की थकान अब तक नहीं उतरी है. अधिकारी हो या कर्मी कार्यालय में समय पर नहीं आ पा रहे हैं. वैसे यह बात सभी अधिकारी व कर्मियों के साथ नहीं है. विलंब से कार्यालय आने की स्थिति समाहरणालय व प्रखंडों में एक समान है. जहां तक समाहरणालय की बात है तो सोमवार को मात्र एक अधिकारी निर्धारित समय से पूर्व ही अपने कार्यालय में आ गये थे.
9 :54 बजे आये एसडीएसी
बता दें कि गरमी के दिनों में सरकारी कार्यालय 10 से 5 बजे तक खुले रहते हैं. यानी 10 बजे कार्यालय खुल जाना है. सोमवार को 9:45 बजे लिपिक मनोज कुमार वर्मा, 9:55 बजे लिपिक फेकू राम व 10 : 15 बजे लिपिक शैलेंद्र कुमार कार्यालय पहुंचे. इनसे पूर्व करीब 10 कर्मी समाहरणालय पहुंचे हुए थे, जिसमें अधिकांश कार्यालय परिचारी थे. 10:15 बजे तक करीब 30 प्रतिशत, 10:30 तक 90 फीसदी कर्मी पहुंचे. कुछ वैसे भी कर्मी मिले जो 11 बजे तक आये. अधिकारियों में सबसे पहले 9 : 54 में एसडीसी मुकेश कुमार आये. उनके बाद डीएसओ के. के. उपाध्याय ठीक 10:58 में समाहरणालय में प्रवेश किया. 11 बजे तक उक्त दो अधिकारियों को छोड़ अन्य कोई प्रशासनिक अधिकारी कार्यालय नहीं पहुंचे थे. हालांकि इनके समय पर नहीं आने के कारणों की जानकारी नहीं मिल सकी है.
10:45 तक बंद था कार्यालय
10:45 बजे तक जिला सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय बंद था. जिला पंचायत राज, अभिलेखागार प्रशाखा व जनशिकायत कोषांग के साथ हीं जिला निर्वाचन कार्यालय में 10:20 बजे तक ताला लटका था. सबसे पहले जिला राजस्व प्रशाखा व जिला नजारत प्रशाखा को खुला देखा गया. अधिकांश कार्यालय 10:15 बजे के बाद ही खुलता है. कर्मी आते हैं और थोड़ा रिलैक्स होते हैं और जब काम शुरू करते है.
प्रखंडों में और बुरा हाल
प्रखंडों में कर्मियों व अधिकारियों के आने व जाने के समय का हाल और बुरा है. कहीं पदाधिकारी समय पर आते हैं तो कर्मी नहीं और जहां कर्मी आते हैं वहां अधिकारी नहीं.
हालांकि अधिकांश प्रखंडों का हाल ठीक नहीं है. लोगों का कहना है कि प्रखंडों में एक तो कर्मियों की कमी है और जो कर्मी है उसमें से कम हीं समय पर कार्यालय आते हैं.